Month: फ़रवरी 2017

बसंत प दू गो कविता

– डॉ राधेश्याम केसरी 1) आइल बसंत फगुआसल सगरी टहनियां प लाली छोपाइल, पछुआ पवनवा से अंखिया तोपाइल, देहिया हवे अगरासल, आइल बसन्त फगुआसल। कोयल के बोल अब खोलेला पोल,…

दुअरा सवतिया के पिया के बरतिया : बतंगड़ – 27

– ओ. पी. सिंह दुअरा सवतिया के पिया के बरतिया, देखि देखि फाटे रामा पथरो के छतिया. जिनिगी के जरेला सिंगार, दइबा दगा कइलें. एह घरी स्मार्टफोन के जमाना बा…

दिल्ली के नाट्योत्सव में मंचित भइल “ठाकुर के कुइयाँ”

मैथिली-भोजपुरी अकादमी दिल्ली द्वारा आयोजित नाट्योत्सव के धमाकेदार शुरुआत दिल्ली सरकार के कला-संस्कृति मंत्री श्री कपिल मिश्र आ अकादमी के उपाध्यक्ष श्री संजॉय सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन का सङे भइल. 21 फरवरी से 23 फरवरी…

प्रगतिशीलता के नाम पर

– डॉ ब्रजभूषण मिश्र भाषा सब अइसन भोजपुरी साहित्य में बेसी कविते लिखल जा रहल बा. दोसर-दोसर विधा में लिखे वाला लोग में शायदे केहू अइसन होई, जे कविता ना…

भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता दिआवे ला

राजेश भोजपुरिया से मिलल रपट – भोजपुरी भाषा के भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची मे शामिल करे के मांग के साथे दिल्ली के जंतर मंतर पर भोजपुरी जन जागरण अभियान…

भोजपुरी खातिर एक दिन

भोजपुरी भाषा के मान्यता ला आंदोलन चलावत “भोजपुरी जन जागरण अभियान” रउआ सभे से निहोरा आ निवेदन कर रहल बा कि भोजपुरी भाषा के मान सम्मान बचा के राखे खातिर…

लोकभाषा के काव्य आ ओकरा चर्चा पर चर्चा

– डॉ अशोक द्विवेदी लोकभाषा में रचल साहित्य का भाव भूमि से जुड़े आ ओकरा संवेदन-स्थिति में पहुँचे खातिर,लोके का मनोभूमि पर उतरे के परेला। लोक कविताई के सौन्दर्यशास्त्र समझे…

दू गो गीत

– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी 1 पगे पग ठोकर समय के नचवना कइसन जिनगी सटत रोज पेवना.   घुमल अस चकरी पलिहर जोताइल नमियो ना  खेते  बीया  बोआइल उमेदे से अंखुवा…

कुकुरहट प कुकुरबझाँव : बाति के बतंगड़ – 26

– ओ. पी. सिंह एने फेरू कुछ दिन से कुकुर चरचा में बाड़ें स. एह चलते कुछ लोग कुकुरहट प उतरआइल बा त बाकी लोग ओकनी से कुकुरबझाँव करे में…