Month: मार्च 2017

विमर्श : भोजपुरी गीत के भाव-भंगिमा

– डॉ अशोक द्विवेदी कविता के बारे में साहित्य शास्त्र के आचार्य लोगन के कहनाम बा कि कविता शब्द-अर्थ के आपुसी तनाव, संगति आ सुघराई से भरल अभिव्यक्ति हऽ। कवि…

गीत

– शिवजी पाण्डेय ‘रसराज’ हम गरीबने पर अइसन, अन्हेर काहें? देहि धुनलो पर खइला में देर काहें? दिन भर करत-करत काम, झाँवर हो गइले चाम, छिन भर देहिया के सुबहित…

गजल

– अशोक कुमार तिवारी हो गइल छीछिल छुछुन्नर, दिल कहाँ दरियाव बा, अब उठावे ना, गिरा देबे में सबकर चाव बा। लगल आगी रहे धनकत भले, हमरा ठेंग से जर…

भजपूरी* काहें लिखवावत बानी भाई ?

– रामरक्षा मिश्र विमल हिंदी लीखे में पानी छूटेला हमरा भजपूरी* काहें लिखवावत बानी भाई ? पग पग पर गूगल के सरन लिहींला कवनो भाषा से अनुवाद करींला भलहीं पेपर…

केतना बदल गइल संसार

– डॉ राधेश्याम केसरी केतना बदल गइल संसार, कतहुँ नइखे अब त प्यार। खाली लाभ के खातिर, झूठे बनल बनवटी प्यार। बचवन के फुटपाथे असरा, बाप छोड़ जिमेवारी भागल। छोड़…

अबकी का ईद प हिन्दी सलमान से भोजपुरी निरहुआ के टक्कर

भोजपुरी के जुबली स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ आ गरम लिट्टी अंजना सिह के जोड़ी के फिलिम – जिगर – अबकी का ईद का मौका प 23 जून के रिलीज…

सरधा के अँजुरी : ‘गँवई गंध गुलाब’ के ‘मनबोध मास्टर’

– भगवती प्रसाद द्विवेदी आजु जब खेती-किसानी में जीव-जाँगर आ जिनिगी खपावेवाला गरीब किसान खुदकुशी करे खातिर अलचार हो जात बाड़न, त एह निठुर समय में एगो अइसन ऋषि रचनाकार…

आइल गरमी

– डॉ राधेश्याम केसरी सूरज खड़ा कपारे आइल,गर्मी में मनवा अकुलाइल। दुपहरिया में छाता तनले,बबूर खड़े सीवान। टहनी,टहनी बया चिरईया, डल्ले रहे मचान। उ बबूर के तरवां मनई, बैईठ ,बैईठ…

नीक-जबून-7

डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल के डायरी प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ‘सेंगर’ आजु स्टाफ रूम में इंस्पेक्शन के बात एक-एक क के उघरत रहे. हमरा प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ‘सेंगर’ जी…

डॉ. कमल किशोर सिंह के दू गो कविता

लिटी-चोखा – डॉ. कमल किशोर सिंह आहार अनोखा लिटी चोखा का महिमा हम बखान करीं. ई ‘बर्बाकिउ बिचित्र बिहारी’ बेहतर लागे घर से बहरी, दुअरा-दालान, मेला-बाज़ार, कहंवो  कोना  में  छहरी.…