गुदगुदी में लोर
आशारानी लाल अबहिंए सोझा एतना न परछाई रेंगत रहीसन कि ना बुझाय कि कवना के ढेर निहारीं आ कवना के…
आशारानी लाल अबहिंए सोझा एतना न परछाई रेंगत रहीसन कि ना बुझाय कि कवना के ढेर निहारीं आ कवना के…
विजय मिश्र ओह दिन बाँसडीह जाए के रहल। मोटर साइकिल निकाल के स्टार्ट कइनी त पेट्रोल कम बुझाइल। कुछे दूरी…
(कविता-अंक ”पाती“, सितम्बर-1993 से मार्च 2021 अंक में फेरु प्रकाशित) डॉ अशोक द्विवेदी आज के असहाय, उपास, बेचैन आ फिकिरमंद…