स्व. कैलाश चन्द्र चौधरी उर्फ मास्टर साहब के कविता
खालऽ, खालऽ ए चिरई जवन तोहरा रुचे उड़ते खा, चाहे बइठ के खालऽचाहे अलोता कहीं ले जाके खालऽटुकी टुकी खालऽ चाहे लीलऽ सउसें.खालऽ, खालऽ ए चिरई जवन तोहरा रुचे. हई…
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खालऽ, खालऽ ए चिरई जवन तोहरा रुचे उड़ते खा, चाहे बइठ के खालऽचाहे अलोता कहीं ले जाके खालऽटुकी टुकी खालऽ चाहे लीलऽ सउसें.खालऽ, खालऽ ए चिरई जवन तोहरा रुचे. हई…
‘भोजपुरी संगम’ के 138 वीं ‘बइठकी’ कोरोना प्रोटोकॉल के नाते ‘गूगल मीट’ एप से ऑनलाइन आयोजित भइल. अध्यक्षता सुभाष चंद्र यादव जी अउर संचालन अवधेश नंद आ ज्ञानेश्वर गुंजन जी…
लव कांत सिंह ’लव’ एतवार के दिन होखे त सब लोग फटाफट आपन काम निपटा लेवल चाहत रहे, सभे जल्दी-जल्दी बाजार से लवट के आ जात रहे, दोकानदार अपना-अपना रेडियो…