बतकुच्चन – ८२
“छोड़ु छोड़ु मखिया रे आजु के रतिया / हिया भरि देखुँ दमाद अलबेलवा रे.” बाकिर सासू करसु त का? “सासु के अँखिया लगल मधुमखिया रे/ देखहू ना पवली दमाद अलबेलवा…
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“छोड़ु छोड़ु मखिया रे आजु के रतिया / हिया भरि देखुँ दमाद अलबेलवा रे.” बाकिर सासू करसु त का? “सासु के अँखिया लगल मधुमखिया रे/ देखहू ना पवली दमाद अलबेलवा…
– जयंती पांडेय आज सबसे ज्यादा चर्चा दू बात के बा. पहिलका एफ डी आई आ दोसरका अण्णा चाचा के पार्टी में अलगा बिलगी. ई तऽ सबे जानत रहे कि…
जवना दुखे अलगा भइनी तवने मिलल बखरा. कुछ लोग एह कहाउत के दोसरो तरह कहेला कि सास दुखे अलगा भइनी ननद मिलली बखरा. बात एके ह. कवनो जरूरी नइखे कि…
काल्हु अतवार १४ अक्टूबर का दिने बलिया के श्रीरामविहार कालोनी स्थित “पाती” पत्रिका आ विश्व भोजपुरी सम्मेलन के बलिया कार्यालय पर एगो विचार आ कवि गोष्ठी भइल. एह गोष्ठी में…
भउजी हो! का बबुआ? तोहरा के भोजपुरी में एसएमएस भेजला पर जेल ना नू होखी? काहे बबुआ? सुननी ह कि सरकार नियम बना दिहले बिया कि मेहरारूवन के भा लड़िकियन…
पाती के सितम्बर २०१२ अंक प्रकाशित भइल. डाउनलोड कर के पूरा पत्रिका पढ़ीं. – डा॰ अशोक द्विवेदी भाषा ऊ हऽ जवन समय से उपजल परिस्थितियन में- हमहन के जिये आ…
– आशुतोष कुमार सिंह सरकारी नियम कहेला कि हर दवा दुकानदार का लगे सरकार के दिहल सरकारी रेट लिस्ट होला आ ग्राहक दवा खरीदत घरी ऊ रेट लिस्ट केमिस्ट से…
ना अँवटब, ना पवढ़ब, ना दही जमाएब. दूधवे उठा के पी जाएब, एके ओरहन रही. बात सही बा. रोज रोज के तकरार, ओरहन, तंज से तंग आ के कवनो चाकर,…
– जयंती पांडेय हम भ्रष्टाचार के भविष्य के लेके निश्चिंत बानी. ई एकदम सत्य हऽ कि खाली हमनिए के देस में भ्रष्टाचार आ भ्रष्टाचरियन खातिर तमाम संभावना आ सुविधा बा.…
– रामरक्षा मिश्र विमल (-अबकी ८ अक्टूबर २०१२ के जिउतिया व्रत पड़ल बा. एह मौका पर पहिले से प्रकाशित आलेख कुछ नया चित्र का साथे दुबारा दिहल जात बा. एह…
अंग्रेजी के एगो बड़हन अखबार में 3 अक्टूबर के छपल खबर, कि भोजपुरी संविधान के 8वीं अनुसूची में शामिल त हो जाई बाकिर संघ लोक सेवा आयोग से एकरा के…