तीज : अखंड सोहाग के ब्रत

– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल शास्त्रन में तीज के हरितालिका नाम से जानल जाला. “हरितालिका” शब्दो एह ब्रत खातिर खूब प्रचलित बा. भादो का अँजोर में तृतीया तिथि1 के एकर…

सत्य आ धर्म का पालन के व्रत- ‘बहुरा’

– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल भादो महीना के अन्हरिया के चौथ के बहुरा कहल जाला.कहीं-कहीं एकरा के गाइ माई के पूजा के परब मानल जाला.गाइ आपन दूध पियाके आदिमी के…

भारतीय संस्कृति के संवाहक रक्षाबंधन के अस्तित्व संकट

– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल सावन के पुरनवासी के इंतजार हर घर के होला काहेंकि एह दिन देश भर में राखी के तेवहार मनावल जाला. राखी माने रक्षाबंधन. ई हिंदू…

चलीं, फगुआ गावल जाव

डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल फगुआ कहीं, होरी कहीं भा होली कहीं, ई हटे एकही. ई बसंतोत्सव हउवे. बसंत जब चढ़ जाला त उतरेला कहाँ ? एहीसे त होली के रंगोत्सव…

देवी गाथा ‘कहनिया दुर्गा माई के’

देवी गीतन के माहौल में देवी गाथा (भोजपुरी) के MP3 सीडी ‘ कहनिया दुर्गा माई के ’ नाम से बाजार में बहुत कम समय में काफी लोकप्रिय हो गइल बा.…

होली के हिलोरा उठल सात समुन्दर पार

केशव मोहन पाण्ड़ेय पिचकारी के धार, गुलाल के बौछार, अपना लोगन के प्यार, इहे त हउए होली के तेवहार . जी, भारत के धरती के हीं उपजाऊपन के महिमा देखीं…

फाग गीत १

-डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल लागेला रस में बोथाइल परनवा ढरकावे घइली पिरितिया के फाग रे. धरती लुटावेली अँजुरी से सोनवा बरिसावे अमिरित गगनवा से चनवा इठलाले पाके जवानी अँजोरिया गावेला…

फगुआ के सांस्कृतिक रंग में सेंधमारी

-डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल फगुआ कहीं भा होली, ई बसंतोत्सव हउवे. बसंत जब चढ़ जाला त उतरेला कहाँ ? एहीसे त होली के रंगोत्सव के रूप में मनावल जाला. प्रकृतियो…

महाशिवरात्रि के अवसर पर

शिवभक्ति गीत – रामरक्षा मिश्र विमल सुनींले जे भोला बाबा हईं बड़ा दानी हमरो प किरिपा करीं तब हम जानीं. जानियो के भसमासुर के बरदान दिहलीं अपना बचाव खातिर भागल…

भगवान चित्रगुप्त के पूजा का दिने

– प्रेम कुमार वइसे त भारत में हमेशा कवनो ना कवनो पर्व.त्योहार मनावल जात रहेला बाकिर चित्रगुप्त पूजा शायद एगो अइसन त्योहार ह जवना के एगो खासे जाति के लोग…

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