डाँड़ि में दम ना बगईचा में डेरा !

भउजी हो ! सूनलू ह ? का बबुआ ? इहे कि मोदी सरकार सभका ला एके कानून बनावे जा रहल बिया. माने कि हिन्दुवन के कटवावे के नया तइयारी !…

एक कप चाय ला तरसि गइल भोजपुरी

मथैला पढ़ि के माथ घूमत होखे त घुमावले हमार मनसा बा. काहे कि आजु हम कुछ तीख परोसे जा रहल बानी. पूरा पढ़ि के देखीं आ सोचीं कि हमरा बाति…

भोजपुरी के अप्रतिम सेवक डॉ अशोक द्विवेदी के सम्मानित कइके सम्मानित भइल साहित्य अकादमी

साहित्य अकादमी बरीस 2021-22 ला डॉ अशोक द्विवेदी के “भाषा सम्मान” देबे के घोषणा कइले रहुवे. कोरोना प्रोटोकॉल का चलते दू बरीस ले कवनो समारोह ना कइलसि साहित्य अकादमी. एह…

का कहीं कहाते नइखे, कहला बिना रहातो नइखे

आजुकाल्ह हम बहुते फिकिरमन्द बानी. अँजोरिया चलावत युग बीत गइल बाकिर हम बाकी लोग जइसन ना बन सकनी. ना त हमार कवनो गुट बनल, ना हम कवनो गुट में शामिल…

जिए भोजपुरी ! बाकिर जिए त जिए कइसे?

भोजपुरीए ना हिन्दीओ पत्रिकन के प्रकाशन आजुकाल्हु मुश्किल हो गइल बा काहे कि एक त लोग पढ़े के आदत छोड़ दिहले बा आ दोसरे किताब खरीदे के. रोज रोज के…

कब ले हम राउर गाल बजाएब?

भोजपुरिका अबले ओही राह पर चलत आइल जवन अँजोरिया देखवले रहुवे. भोजपुरी के बढ़ावा देबे का मकसद से एहिजा हर प्रचार सामग्री के प्रकाशित कर देबे के परंपरा रहुवे. कई…

फगुआ के सांस्कृतिक रंग में सेंधमारी

-डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल फगुआ कहीं भा होली, ई बसंतोत्सव हउवे. बसंत जब चढ़ जाला त उतरेला कहाँ ? एहीसे त होली के रंगोत्सव के रूप में मनावल जाला. प्रकृतियो…

लेकिन पिंकिया कहाँ बिया?

– ओमप्रकाश सिंह याद पड़त बा. ओह दिन खबर पढ़ले रहीं कि बालेसर ना रहलें. बालेसर का बारे में जानकारी बटोरे खातिर नेट हँउड़े लगनी त दयानंद पाण्डेयजी के लिखल…

अबलौं नसानी अब ना नसइहों

आजु एगो खबर पढ़े के मिलल कि बिहार भोजपुरी अकादमी मालिनी अवस्थी के आपन ब्रांड अम्बेसडर बनवले बिया आ अब मालिनी जी देश विदेश में भोजपुरी के प्रचार प्रसार करीहें.…

कइसन रही अगर अँजोरिया भोजपुरी किताब प्रकाशन का मैदान में उतरे?

किताब के लिखो जब केहू छापही वाला नइखे. किताब के छापो जब केहू खरीदही वाला नइखे. किताब कइसे खरीदे केहू जब किताब लिखइबे ना करी, छपबे ना करी. किताब कइसे…

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