भिखारी ठाकुर के जयन्ती का अवसर पर स्मरण
भोजपुरी लोक-रंग के प्रतीकःभिखारी – डॉ0 अशोक द्विवेदी अपना समय सन्दर्भ में भिखारी ठाकुर, अपना कला-निष्ठा आ कबित-विवेक वाला रंग-कर्म से अपना समय के सर्वाधिक लोकप्रिय कलाकार रहलन। ऊ लोकनाट्य-परम्परा…
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भोजपुरी लोक-रंग के प्रतीकःभिखारी – डॉ0 अशोक द्विवेदी अपना समय सन्दर्भ में भिखारी ठाकुर, अपना कला-निष्ठा आ कबित-विवेक वाला रंग-कर्म से अपना समय के सर्वाधिक लोकप्रिय कलाकार रहलन। ऊ लोकनाट्य-परम्परा…
भोजपुरी रंगमंच खातिर समर्पित नाट्य संस्था रंगश्री (स्थापित सन् 1978) आपन 5वाँ पाँच दिन चले वाला भोजपुरी नाट्य उत्सव के आयोजन, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आ स्टील…
बिहार के सिवान में पाँच दिन चले वाला भोजपुरी नाटकन के उत्सव जीरादेई ब्लॉक के नरेन्द्रपुर (नरीनपुर) गाँव में होखे जा रहल बा. भोजपुरी नाटक खेले वाली मशहूर संस्था रंगश्री…
इन्टरनेट आ तकनीक के जमाना में रंगमंच आ रंगकर्म ओहू में भोजपुरी के रंगमंच के जिन्दा राखल भी पहाड़ चीर के रास्ता बनवला से तनिको कम नइखे. दिल्ली में नाटक…
– ओमप्रकाश अमृतांशु रंगमंच पर किसिम-किसिम के रंग के भाव मंचित होखेला. ऊहे भाव दर्शक लोगन के मन आ दिल पे राज करेला. कुछ देर खातिर सभागार में बइठल लोग…
ओमप्रकाश अमृतांशु मंच पे काशी के बाजार . एक ओर मस्जिद, बीच में मंदिर, किनारे में छोटहन फूस के झोपड़ी. झोपड़ी पे पसरल अंजोर, जहंवा कबीर आ उनकर मतारी नीमा…
– ओमप्रकाश अमृतांशु संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से २६ अक्टूबर से ३० अक्टूबर ले चले वाला भोजपुरी नाट्य महोत्सव के श्रीगणेश भइल. भोजपुरी इतिहास में एगो अउरी अध्याय…
– ओमप्रकाश अमृतांशु “गिरमिटिया” शब्द अंगरेजी के एग्रीमेन्ट शब्द के बिगड़ल रूप हउए. १७ वीं सदी में अंगरेज भारत अइले आ गरीब आदमी एक-एक रोटी के मोहताज हो गइले. १८३४…