बांसगांव की मुनमुन – 8
( दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद ) धारावाहिक कड़ी के अठवां परोस, मुनमुन के जवानी ( पिछलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिले ओकरा के पढ़…
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( दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद ) धारावाहिक कड़ी के अठवां परोस, मुनमुन के जवानी ( पिछलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिले ओकरा के पढ़…
– बिनोद सिंह गहरवार लोकसभा चुनाव के बीस-बिसा क्रिकेट कप के बिगुल बाजे वाला बा. ई टूर्नामेंट सांचो के ‘अवश्य देखहुँ देखन जोगु’ वाला होई. सांझ-सबेर-दुपहरिया जब टीवी खोलीं तबे…
– रामसागर सिंह दहेज लीहल बाउर बात ह… आपन बियाह भइला के बाद, दहेज लीहल बाउर बात ह… बेटा के बियाह कइला के बाद, ओइसहुँ कुछु माँगल ठीक ना ह……
– बिनोद सिंह गहरवार हार पछता के काल्ह दिल्ली से पटना आ गइनी. आपन हारल आ दीदी के मारल केकरा से कहीं. आजु दू बरिस से एँड़ी चोटी एक क…
– लाल बहादुर सिंह पंडित दयाशंकर तिवारी जी द्वारा के लिखल कवितन के संकलन वाली पुस्तक “नाहीं लउके डहरिया के छोर” के लोकार्पण, विमोचन के उत्कृष्ट कार्यक्रम पूरा होखते हमरा…
( दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद ) धारावाहिक कड़ी के सतवां परोस ( पिछलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिले ओकरा के पढ़ लीं.) बाहुबली ठाकुरन…
– गणेश नाथ तिवारी आजु महाकवि राधामोहन चौबे ‘अंजन’ जी के जनमदिन ह आ ई हमार सौभाग्य रहल कि साल 2014 में अंजन जी से हमार भेंट भइल रहे. उहाँ…
– डॉ कमलेश राय, (एक) समाज आज कऽ जाने कइसे रही निरोग बढ़ल जात बाटे दिन पर दिन अब अखबारी लोग । झूठ, फरेब, जाल, तिकड़म के बा गोरखधंधा निपट…
– मीनाधर पाठक का जाने काहें रतिया देर से नींद पड़ल. ऊहो पतोहा, माने सिद्धि कऽ पुकार पर. हम आपन दूनू हथेली रगड़ि के आँखि पर लगवनी आ तकिया लग…
(एक) बेंड़ल बजर किंवाड़, यार अइले, चलि गइले ! ना सुनि परल पुकार, यार अइले, चलि गइले ! सूरज-चन्दा कऽ जोती से, तरइन का झिलमिल से, शान्त गगन कऽ मौन…
– राम पुकार सिंह ‘पुकार‘ गाजीपुरी प्रकृति कऽ अलगे–अलगे रूप में अनुभूति भइल, ओकरा के मिठास भरल भासा में बखान कइल, अइसन पेंच वाला काम हऽ कि एकरा के उहे…