फूल पतई हवा बा हैरान
विश्व भोजपुरी सम्मेलन के बलिया इकाई आ भोजपुरी के चर्चित पत्रिका ‘पाती’ का सहभागिता में बलिया के श्रीराम बिहार कालोनी में पाती कार्यालय का सभाकक्ष में एगो स्तरीय सरस काव्य…
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विश्व भोजपुरी सम्मेलन के बलिया इकाई आ भोजपुरी के चर्चित पत्रिका ‘पाती’ का सहभागिता में बलिया के श्रीराम बिहार कालोनी में पाती कार्यालय का सभाकक्ष में एगो स्तरीय सरस काव्य…
– रामरक्षा मिश्र विमल बरिसावऽ माँ नेह सुधा कब ले जियरा छछनल। जग जीवन पर छवल निराशा लागि रहल मधि रइनि अमवसा कब ले पूरनवासी आई दया रूप उमगल। अनाचार…
– संतोष कुमार माई रे, इ नान्ह जात का होला? सुरुज आपना माई से पुछलें. जाड़ा के रात खानी खाना खाये के बेरा सूरज चूल्हे भीरी बइठ के पलथी मार…
– आदित्य कुमार अंशुल दगाबाज भाई के मेहरी हरजाई के भरोसा ना होला. भाँट के बात के घोड़ा के लात के भरोसा ना होला. झट मिलल सौगात के देर से…
हिन्दी आ भोजपुरी के सुपरिचित रचनाकार डॉ. गोरख प्रसाद जी ‘मस्ताना’ एक ओर जहवाँ काव्य-मंच पर गेयता आ हास-व्यंग्य परोसे के कला में महारत हासिल कइला के कारन हरदम चरचा…
कहल गइल बा कि राजा अनेरिया हो जाव त ओकरा के सुधारे सम्हारे के उपाय कइल जा सकेला बाकि अनेरिया राजा बनि जाव त ओकर कवनो उपाय ना कइल जा…
काकी के काका नाना. ना ना आजु हम एहिजा कवनो रिश्ता फरियावे नइखी आइल आ ना ही नाता रिश्ता का बारे में बतियावे. आजु हम भोजपुरी में कि, की, का…
– ओमप्रकाश अमृतांशु जब कवि के भाव उमड़-उमड़ के छलके लागेला त सुनेवाला लोगन के हिरदय पुलकित हो उठेला. भाषा चाहे कवनो होखे सभ्यता के पहचान ओकरा लोक भाषे से…
– ओमप्रकाश अमृतांशु अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के २५वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन में ‘हेलो भोजपुरी’ पत्रिका के विमोचन बिहार के पुर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के हाथे भइल. एह…
भोजपुरी भाषा का तौर प आपन जगहा नइखे बना पावत. भोजपुरी के धंधेबाजन के चिंता भोजपुरी के ना हो के आपन गोटी सेट करे करावे के आ दोसरा के मामर…
एगो कहाउत ह कि जवन तहरा घरे भोज तवन हमरा घरे रोज. कुछ अइसने भइल रहे जब एके दिन एगो राजा अपना महतारी के सराध का बारे में कहत रहले…