लोक कवि अब गाते नहीं – आखिरी कड़ी
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) बीसवाँ कड़ी में भोजपुरी के दुर्दशा पर लोक कवि के दुख पढ़ले रहीं अब पढ़ीं एह उपन्यास के आखिरी…
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(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) बीसवाँ कड़ी में भोजपुरी के दुर्दशा पर लोक कवि के दुख पढ़ले रहीं अब पढ़ीं एह उपन्यास के आखिरी…
(रामझरोखा से) – डा॰अशोक द्विवेदी अइसे त देस जगले रहेला बकि जगलो में सूलत लेखा लागेला. एक से एक बड़, भयानक आ अमानवी दुर्घटना-घटना घटत रहेला आ ओकरा दिल-दिमाग प…