
नीक-जबून-14
– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल दहेज के बाइ-बाइ बिहार के एगो समाचार काफी चर्चित भइल. अब बिहार में सरकारी नौकरी खातिर चुनल गइल जुवकन के […]
– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल दहेज के बाइ-बाइ बिहार के एगो समाचार काफी चर्चित भइल. अब बिहार में सरकारी नौकरी खातिर चुनल गइल जुवकन के […]
– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल बाबूजी के याद कइल अंधविश्वास हटे ? ओइसे त हर साल पितृपक्ष पर अपना तथाकथित विद्वान मित्र लोगन के टिप्पणी […]
डायरी – डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल आज का पीढ़ी में भोजपुरी खातिर अनुराग देखिके बहुत नीक लागता। बाकिर, सोशल साइट पर गइला पर […]
– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल बड़की बलिहार आ नदिया के पार आजुए रामेंद्र के फोन आइल रहल हा कि बड़की बलिहार गइल रहलीं हा. नाँव […]
– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल बोले खातिर बोलल जब से नोकरी के शुरुआत भइल तबे से देखत आ रहल बानी. आजु तक एहमें कवनो कमी […]
डायरी – डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल बुदबुदाई अब समय मौसम के सुगबुगाहट के पता साफ-साफ चल जाता. काल्हु तक के टेढ़ आ लरुआइल पतइयो आजु […]
डायरी सरगो से नीमन बाटे सइँया के गाँव रे – डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल बसंत का आइल, गाँव के इयादि एक-एक क के ऊठत-बइठत आ […]
डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल के डायरी प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ‘सेंगर’ आजु स्टाफ रूम में इंस्पेक्शन के बात एक-एक क के उघरत रहे. हमरा प्राचार्य […]
डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल के डायरी बगसर बिसरत नइखे ए पारी के जाड़ा के छुट्टी के बहुत उत्साह रहे. बहुत […]
डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल के डायरी रसियाव खाईं आ टन-टन काम करत रहीं आजु स्टाफ रूम में अपना गीत के एगो लाइन गुनगुनात रहीं- “ननदी […]
डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल के डायरी चले दीं, प्रयोग बहे दीं धार काल्हु “ये दिल माँगे मोर” पर बहस होत रहे. हम कहलीं कि […]
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