– ओ. पी. सिंह

कवनो कार भा कार्य जवन बल का भरोसे – बलाते – कइल जाव ओकरा के बलात्कार मान लीहल जाला. अब बलातो त कई तरह के काम क लीहल जाला बाकिर व्यवहार में ई दू गो विपरीत लिंगियन का बीचे बलाते भइल सेक्स खातिर मान लीहल गइल बा. सम लिंगियन का बीचे भइल एह तरह के सेक्स खातिर दुष्कर्म शब्द के इस्तेमाल होला. बाकिर एही बात के लिंग आ सेक्स के दायरा बढ़ावत समूह आ कार का साथे देखल जाव तो हर छिन कवनो ना कवनो समूह का साथे बलात्कार भा दुष्कर्म होखत मिल जाई.

आजु एह बरजल विषय के चरचा में खास बना के पेश कइला का बहाने हमार मकसद बतंगड़े कइल बा. बाकिर शुरुआत हम नइखीं करत. शुरुआत त यूपी सरकार के मंत्री पहिलहीं क चुकल बाड़न. हम त बस ओकरा के लमारे जात बानी.

यूपी के बुलन्दशहर में भइल रेप पर अगर कतहीं से कवनो बुलन्द आवाज सुने के ना मिलल त महज एह चलते कि जवना अभागन का साथे ई घिनावन काम भइल ऊ ना त अल्पसंख्यक रहलें, ना दलित. एह चलते ना त मीडिया एकर मथैला बनवलसि ना ही नेतवन क जमात ओह अभागन का घरे धावत चहुँपले. ना ही टीवी चैनलन पर एकरा के दलित भा मजहबी मुद्दा बनावे के कोशिश भइल. आ सबले हद त तब पार हो गइल जब मंत्री जी एकरा के राजनीतिक साजिश बना-बता दिहलें. एही लोग के कुकुरबझाँव तब देखे जोग रहल रहीत अगर भुक्तभोगी आ करे वाला उलटा रहतन.

बलात्कार के मुद्दा पिछला सरकार का दौरान एगो अउरो बड़हन साजिश का तहत एह तरह बनावे के कोशिश भइल रहुवे कि देश क ताना-बाना छिन-बिन क दीहल जाव. एहु सरकार में ओही कोशिश के आगा बढ़ावे के कोशिश जारी रहुवे बाकिर सोशल मीडिया आ जनमत का दबाव का चलते ओह कोशिश के छोड़ देबे पड़ल.

दुर्भाग्य के बाति बा कि एह देश के बड़हन समूह अइसनका सवारथियन से पटाइल बा जे अपना फायदा ला देश समाज के का कहीं, बेटीओ-बहिन के सौदा करे में ना हिचकिचइहें. देश के इतिहास में अइसन कहानी भरल बाड़ीं से जवना में देश के अनेके राजा मुगलन के आपन बेटी-बहिन सँउप के आपन राच बचा लीहलें. हालही में अइसनके बेहयाई के एगो गलीज नमूना राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग क देखवलसि जब ऊ पद्मिनी के खिलजी के प्रेमिका बतावत ओह किला के दर्शन करे के नेवत दिहलसि जवना का ऊ बरबाद क दिहले रहे. इतिहास गवाह बा कि ओहिजा रानी पद्मिनी का संगे हजारों औरत आपन अस्मत बचावे खातिर जौहर रचा के जान दे दिहले रही.

बाति एह बीच तनी बहक गइल से लवटत बानी बलात्कार का मुद्दा पर. अपना देश के बड़का ताकत हमनी के परिवार-व्यवस्था ह. पिछलका सरकार में एह परिवार-व्यवस्था के हमेशा-हमेशा खातिर खतम करे का साजिश का तहत बिआहलो मरद-मेहरारु का बीच बलात्कार के मान्यता दे देबे क कोशिश भइल रहुवे. दहेज आ पोक्सो जइसन कानून बना के समाज के हिनबिन कइए दिहल गइल बा. बाकिर अपना दिमाग पर तनिका याद करे के कोशिश करीं कि पोक्सो कानून में असाराम बापू का अलावा कवनो दोसरो समूह के गुरु धराइल बाड़ें कि ना. का बाकी लोगन में अइसन अपराध ना होखे ? बाकी सम्प्रदायन में कमजोर समूहन का साथे दुराव होखे कि ना ? बाकिर हमहन के नेता आ मीडिया खाली एके पंथ का खिलाफ अलख जगवले रहेलें, मजबूत आ एकजुट समूहन का खिलाफ बोलल ई लोग जरुरी ना समुझे भा हिम्मत ना कर पावसु. कुछ राज्यन के हालात त अतना बाउर हो गइल बा कि शुक का दिने रउरा फगुआ ना खेल सकीं. अगर रउरो कवनो इलाका में अल्पसंख्यक हो गइल बानी त रउरा शवदाहो ना क सकीं. सामने वाला के मरजी बिना पूजा-पाठ ना कर सकीं. कुछ महीना पहिले नीतीश सरकार त हवन कइलो प रोक लगा दिहले रहुवे.

कबो एहु बलात्कारन का खिलाफ आवाज उठवला के जरुरत बा.

Loading

By Editor

%d bloggers like this: