आ बिना हेजिटेशन आई कैन सिंसियरली से कि इस टाइप के प्रयास वेयर नीडेड फ्राम लांग लांग टाइम. अनफार्चुनेटली दि भोजपुरिया पीपुल अंडरस्टैंडे नहीं करते कि डेवलपमेंट आफ भोजपुरी उनके बियांड अप्रोच है. भोजपुरी का डेवलपमेंट चाहिएं त उसपर डिस्कशन मस्ट बी हेल्ड हिंदी आर अंग्रेजी में जेहसे कि मेनी मेनी पीपुल कैन पार्टिसिपेट फार भोजपुरीज डेवलेपमेंट. अउर व्हाट कैन बी सेड, रिटेन भा फिल्म्ड इन भोजपुरी शुड बी लेफ्ट टू अस. काहें कि वी आर थारोली कैपेबुल आफ थिंकिग व्हाट इज बढ़िया एंड फायदेमंद फार भोजपुरी. दीज पिपुल डू नाट अंडरस्टैंड कि देयर वर्क्स भोजपुरी को गंवार एंड वल्गर बना देते हैं. व्हाट देयर फादर गोज कि हम पीपुल कैन डू बेटर बहस इन अंगरेजी भा हिंदी और देन दि न्यूज विल बी छपिंग और टेलीकास्ट इन बड़का बड़का मीडिया. व्हिच बगर केयर्स फार भोजपुरी साहित्य. बढ़िया साहित्य कैन औन्ली बी रिटेन हिंदी और अंगरेजी में.
इफ आपहू आर इंटरेस्टेड इन पढ़िंग हमार थॉट्स अउर पत्रिका देन कम टू आवर पन्ना. आफ्टर आल इस पत्रिका का नेम भोजपुरी पंचायत इसी परपज फार रखा गया है. वी वांट कि भोजपुरियाज आफ दिल्ली में एका होखे एंड दे वोट देके पुट अस इन सत्ता की कुर्सी. ओन्ली देन भोजपुरी एंड भोजपुरियाज शैल गेट सम्मान एंड इज्जत.
372 total views, 4 views today
From : Ram Raksha Mishra Vimal through email (rmishravimal@gmail.com)
नमस्कार,धन्यवाद आ हमरो ओर से दीप पर्व के शुभकामना |
“हम एगेन गॉट दि लेटेस्ट अंक आफ भोजपुरी ंचायत” पर कमेंट के विकल्प साइत बंद बा |
मन भइल कि “भैया दूज आ भाई फोटा” पर कुछ लिखिके भेजीं बाकिर जब पसरल कामन पर नजर गइल त सहमि गइलीं | एह घरी जवन हो जाता, तवन हो जाता आ पेंडिंग पेंडिंगे रहि जाता | पता ना कतना दिन अइसन चली ?
“भोजपुरी पंचायत” पर कमेंट कुछ दिन पहिले एह पत्रिका के पढ़लीं हा | अब ई पत्रिका नीमन रफ्तार पकड़ लेले बिया | प्रूफ रीडिंग प तनी अउरी धियान दीहल जरूरी लागऽता | दिनोदिन एकर स्तर आ प्रभाव बढ़त जाव- शुभकामना | भोजपुरी पंचायत आ अँजोरिया- दूनो के संपादक के बधाई |
-रामरक्षा मिश्र विमल
प्रिय विमल जी,
कमेंट पर नजर राखे खातिर दस दिन से बेसी पुरान पोस्ट पर कमेंट बंद रहल ह. एही से असुविधा भइल होखी.
राउर,
ओम
sir,
Pranaam
bahut mazaaa aa gaail sir ji … bahut badia lagal .. haaa
धन्यवाद !
लोल ..