(नवरात्र के सतवा दिन, शुक, ११ अक्टूबर २०१३)
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता |
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी |
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा |
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी |
माई दुर्गा अपना सातवाँ रूप में ” कालरात्रि ” का नाम से जानल जाली.नवरात्र में सातवाँ दिन माई के एही रूप के पूजा होला.इहाँके शरीर के रंग घनघोर अन्हार नियर एकदम करिया बा.सिर के बाल बिखरल आ गरदन में बिजली अस चमकत माला.माई के तीन गो आँख बा आ चार गो भुजा आउर इहाँके वाहन गदहा हऽ.इहाँके स्वरूप देखे में अत्यंत भयानक बा बाकिर हमेशा शुभे फल देलीं.माई कालरात्रि के भक्ति आ उपासना से हर तरह के डर खतम हो जाला.नवदुर्गा में सातवीं माई कालरात्रि दुर्गाजी के जय हो.
(चित्र आ विवरण डा॰रामरक्षा मिश्र का सौजन्य से)
jai ho
Jai Maiya Ki
Anjoria ke sampadak jee aur sabhi pathak lok ke Navaratri ke hardik shubhkamna
Jai Maa Thawewali Ki
Ajit Tiwari
http://www.jaimaathawewali.com