पाकिस्तान पर हमला कइल जरूरी नइखे‏

by | Jan 16, 2013 | 0 comments

– पाण्डेय हरिराम

एने कई महीना से कवनो मसला के सरकारदल का खिलाफ गढ़ देबे में विपक्षी गोलन के महारत हासिल हो गइल लउकत बा. हर मामिला के देश आ समाज से जोड़ के अइसन माहौल बना दिहल जात बा लोग का सोझा कि खून लागऽता खऊले. अपना शगूफन से विपक्ष देश में देशभक्ति के अइसन जज्बा पसार देत बाड़े कि लागऽता कि तुरते पाकिस्तान पर हमला कर दिहल जाव. अगर अइसन नइखे होखत त सरकार दोषी बिया. ओकरा बेंवत नइखे, नपुंसक बन गइल बिया सरकार. चारो ओर हल्ला मचल बा कि पाकिस्तान पर हमला कइल जाव जबकि मोटो दिमाग के आदमी अतना जानेला कि हमला अइसे ना होखल करे.

राजनीतिक गोलन के त रोटीए लफ्फाजी से चलेले. हमनी के कथित तेज तर्रार पत्रकार आ रक्षा विशेषज्ञो ई नइखन पूछ पावत कि जब हमनी का ठीक दू दिन पहिले अइसने कार्रवाई ओह सेक्टर में पाकिस्तानियन क खिलाफ कइले रहीं त ओकर पलटवार ला हमनी का तइयार काहे ना रहीं? दोसरे का एह घटना में कवनो गोली चलल? चलल त दुश्मनन के कवनो सैनिक घवाहिल भा मराइल काहे ना? हमनी के सेना के पीछे के सपोर्ट तंत्र काहे ना रहल? अरबों रुपिया खरच कर के लगावल हमनी के निगरानी उपकरण कहां गइल रहल? अइसनो त कहल जा सकेला कि ओह उपकरणन के खरीद में भइल गोलमाल एह शहादतन के जिम्मेदार बा?

पाकिस्तान में आज पहिला बेर कवनो चुनल लोकतांत्रिक सरकार आपन कार्यकाल पूरा कइले बिया आ अब ओहिजा निष्पक्ष चुनाव आयोग आ आम सहमति से बनल केयर टेकर सरकार क देख रेख में अगिला चुनाव होखे वाला बा. पहिला बेर ओहिजा के सुप्रीम कोर्ट मे अइसन जज बाड़ें जे सेना के घोटाला आ ओकर गैरसंवैधानिक गतिविधियन पर कड़ेर फैसले देत बाड़ें. ओहिजा के मीडिया भारत के खतरा देखा के चौसठ साल ऐश करत रहल सेना के तमाम दावा के पोलपट्टी खोलत बिया. सेना आ आतंकवादियन के गठजोड़ क नीति का चलते आज पाकिस्तान खुद आत्मघाती हमलावरन आ बम धमाकन से दहल चुकल बा. राजनैतिक तंत्र, सिविल सोसाइटी, व्यापारियन, आ न्यायपालिका के चौतरफा दबाव में ओहिजा के सेना आपन भारत विरोधी नीति तज के भारत से खुला व्यापार, सेना मुक्त वीजा नीति आ अमन के आशा सकारेला ला मजबूर हो गइल बिया. आतंकवाद के नीति से किनारा कइला क चलते ओकरे जनमावल जिहादी अपना बंदूकन के मुँह पाकिस्ताने क सेना का ओर मोड़ दिहले बाड़े. अमरीको ओकरा से किनारा कर लिहले बा आ पाकिस्तान के दिहल जाए वाला सैनिक आ आर्थिक मदद में बड़हन कटौती कर दिहले बा. से एह चउतरफा दबाव से बहरी निकले क ओकरा सोझा एके रास्ता बाचल बा कि ऊ कवनो अइसन खुराफ़ात करे जवना से भारत पाकिस्तान क बीच चलत अमन के आशा खतम हो जाव. भारत के सीधा हित एह भारत विरोधी इस्लामिक कट्टरपंथी बेलगाम सेना पर लोकतांत्रिक शासन के नकेल कसववला से जुड़ल बा.
(16 जनवरी 2013)


पाण्डेय हरिराम जी कोलकाता से प्रकाशित होखे वाला लोकप्रिय हिन्दी अखबार “सन्मार्ग” के संपादक हईं आ उहाँ का अपना ब्लॉग पर हिन्दी में लिखल करेनी.

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