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इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित भोजपुरी समाज दिल्‍ली के एगो कार्यक्रम में काल्हु 21 अक्टूबर 2014 के समाज के अध्यक्ष अजीत दुबे के लिखल हिन्दी किताब “तलाश भोजपुरी भाषायी अस्मिता की” के विमोचन कइल गइल.

एह मौका प स्वाभाविक रूप से भोजपुरी के संविधान के अठवीं अनुसूची में शामिल करावे के मांग एक बेर फेरू जोर-शोर से उठावल गइल. कार्यक्रम के अध्यक्षता केन्‍द्रीय मंत्री आ राज्‍यपाल रहल डॉं. भीष्‍मनारायण सिंह कइलन आ सांसद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा, जगदम्बिका पाल अउर मनोज तिवारी, आ पुरनिया पत्रकार राम बहादुर राय मौजूद रहले.

मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्‍ली के उपाध्‍यक्ष अजीत दुबे एह किताब के भोजपुरी के संविधान के अठवीं अनुसूची में शामिल करावे का अभियान के मजबूत करे ला लिखले बाड़न. कवनो भाषा के अठवीं अनुसूची में शामिल भइला के मतलब का होला, ओह भाषा के एहसे का फायदा होला, काहे भोजपुरी के ई हक देबे से आजु ले सरकार कतरात रहली सँ, एह काम ला संसद से सड़क ले का का कइल गइल, ऊ कवन बाधा बाड़ी स जवन भोजपुरी का राह में रोड़ा अटकावत बाड़ी सँ, वगैरह तमाम सवालन के जवाब एह किताब में देबे के कोशिश भइल बा.

अपना संबोधन में अजीत दुबे पिछला यूपीए सरकार के कइल भोजपुरी के अनदेखी के बात करत मौजूदा सरकार से निहोरा कइलन कि भोजपुरी के संवैधानिक मान्‍यता जल्दी से दिहल जाव. भोजपुरी इलाका के सांसदो लोग के गोहार कइलन कि एह मुद्दा के अपना प्राथमिकता में शामिल क के संसद में उठावे लोग.

अध्यक्ष डॉं. भीष्‍मनारायण सिंह कहनी कि “किताब में भोजपुरी भाषा के अस्मिता से जुड़ल लेखक के विचार बहुते सराहे जोग बा आ एकरा ला उनुका के बधाई देबे के चाहीं. एह काम के जतने सराहल जाव कमे रही.”

सांसद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा के कहना रहल कि भोजपुरी के संवैधानिक मान्‍यता जरूर मिले के चाहीं आ उमीद जतवलन कि मिल के रही.

सांसद मनोज तिवारी कहलन कि ऊ पिछला 20 साल से भोजपुरी के सजावे-संवारे में लागल अजीत दुबे के भोजपुरी खातिर छटपटात देखत आइल बाड़न. कहलन कि अपना भाषा ला संजीदा ना होखले भोजपुरी के संवैधानिक मान्‍यता के राह के असली रूकावट बा आ अगर हमनी का ठान लीं त कवनो ताकत भोजपुरी के थाम ना पाई. आजु ना त काल्हु एकरा संविधान के मान्यता मिल के रही.

वरिष्‍ठ पत्रकार रामबहादुर राय कहलन कि ई किताब अजीत दुबे आ हमनिओ ला ब्रह्मास्‍त्र जइसन बा. कहलन कि भोजपुरी के संवैधानिक मान्‍यता मिलला से हिन्‍दी के नुकसान ना होखी बलुक ओकर संकट कुछ कमे होखी.

कार्यक्रम के संचालन प्रो. संजीव तिवारी कइलन आ धन्‍यवाद प्रस्‍ताव समाज के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष प्रभुनाथ पाण्‍डेय पेश कइलन. एह मौका प महामंत्री एल. एस. प्रसाद, संयोजक विनयमणि त्रिपाठी, संपादक अरविन्‍द गुप्‍ता आ सनत दुबे वगैरह समेत अनेके साहित्यकार, वकील, अध्‍यापक, समाजसेवी, पत्रकार आ अउरिओ बुद्धिजीवी उपस्थित रहलन.

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One thought on “फेरू उठल भोजपुरी के संवैधानिक मान्‍यता के मांग”
  1. दुबे जी के बहुत – बहुत बधाई।धनतेरस के वजह से कार्यक्रम में हम ना आईनी, क्षमा चाहत बानी।

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