भोजपुरी के हाल पर विचार बतकही आ कवि गोष्ठी

by | Dec 8, 2015 | 0 comments

Ashok-Vinod-Jay-Braj-Kanhaiya
काल्हु सोमार का दिने बलिया के श्रीराम बिहार कालोनी में “पाती” कार्यालय पर भोजपुरी आ भोजपुरी साहित्य का हाल पर बिचार बतकही करे खातिर मुजफ्फरपुर (बिहार) से डा॰ब्रजभूषण मिश्र आ डा॰ जयकान्त सिंह पहुँचल लोग. इहाँ, विश्व भोजपुरी सम्मेलन, बलिया इकाइयो से जुड़ल कवि साहित्यकारन के जमावड़ा हो गइल जवना में श्री विजय मिश्र, कन्हैया पाण्डेय, हीरालाल हीरा, नवचंद्र तिवारी, शिवजी पाण्डेय रसराज, विनोद द्विवेदी, आदि का उपस्थिति से ई वैचारिक गोष्ठी अउर सार्थक हो उठल.

भोजपुरी के भाषा-सम्मान, स्वीकार आ मान्यता का नाँव पर बहुत ढेर दिनन से, बहुत लोग, कई एक संस्था, दल आ जमात आन्दोलन चलावत आ रहल बा. इतिहास इहे बा कि चाहे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन होखे भा विश्व भोजपुरी सम्मेलन; चाहे क्षेत्रीय आधार प बनावल भोजपुरी संगठन, ऊ या त बँट गइल या थाक के बइठि गइल या कुछ लोगन निजी वर्चस्व आ एकाधिकारी व्यवहार से अलस्त पड़ गइल. भोजपुरी में बहुत कामो भइल, साहित्यिक विकासो तेज भइल बाकि भोजपुरी स्वाभिमान खाली एगो थोथा नारा बनि के रहि गइल. बतकही में, कतने निष्ठावान लोग भइल, जे लागि भीरि के एह भाषा साहित्य का सँग सँग भोजपुरी कला, संगीत आदिके गहिराई, ऊँचाई आ विस्तार दिहलस. अपना कइला के बखान ना बाकि गुनावन जरूर होखे के चाहीं.

आज के स्थिति अउर निराश के वाली बा. मौका परस्तन आ आत्मप्रदर्शन का अति का चलते ना त भोजपुरी के उत्कृष्टता के मूल्यांकन होता, ना त सम्मान. आपन आपन डफली बजावे आ भोजपुरी के स्वयम्भू मसीहा बने के होड़ का कारन ना त आजु ले भोजपुरी के राज्य स्तर पर अपना भाषा में प्राथमिक शिक्षा के अधिकार मिलल ना पूरा संरक्षन; हँ एकर राजनीतिक उपयोग जरूर भइल. भोजपुरी के सरकार भाषा तक ना माने आ सबले पहिले एकरा के गैर अनुसूचित भाषा के मान्यता दिआवल जरूरी बा आ ओकरा बादे अठवीं अनुसूची में डाले के बात उठावल सही रही.

BrajBhushanMishra
वैचारिक बतकही का बाद भोजपुरी साहित्य पर कुछ महत्वपूर्ण अकादमिक काम के योजना बनावल गइल आ फेर डा॰ अशोक द्विवेदी का आवास पर एगो कवि गोष्ठी आयोजित भइल, जवना में ब्रजभूषण मिश्र के हालही में प्रकाशित कविता संकलन “खरकत जमीन / बजरत आसमान” के कुछ कविता पाठ मिश्रजी का मुँहें सुनल गइल.

एह कवि गोष्ठी में हीरालाल’हीरा’, शिवजी पान्डेय रसराज, कन्हैया पाण्डेय, जयकान्त सिंह’जय’, अशोक द्विवेदी, विजय मिश्र, अशोक तिवारी, नवचंद्र तिवारी आदि लोग आपन कविता सुनावल.

Loading

0 Comments

Submit a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up