भोजपुरी के मान्यता के राह देखत एगो अउर बरीस बीत गइल बाकिर कतहूं कवनो संकेत नइखे लउकत. साफ लउकत बा कि सरकार एहसे उदासीन बिया. बाकिर उमीद के दीया अबहीं जरऽता आ आवे वाला दिन में ई सुने के ना मिली कि भोजपुरिया लोग कवनो दोसरा समाज से कवनो मायने में पीछे बाड़े. संविधान के 8वीं अनुसूची में भोजपुरी के शामिल करावे के अभियान हमनी का छेड़ चुकल बानी आ जबले काम हो ना जाई तबले दम ना लेहब जा.
संसद में बइठल सांसद आ मंत्री लोग के एह पर सोचही के पड़ी काहें कि भोजपुरी के सम्मान मिलला से एह इलाका के अउरियो समस्यन के समाधान के राह खुल जाई. सबले पहिले जरूरी बा कि भोजपुरी के ओकर हक आ जगहा मिले जहाँ ओकरा होखे के चाहीं.
भाजपा सांसदो लोग के कर्तव्य बनत बा कि आपन कइल वादा निभावे लोग आ भोजपुरी के संविधान से मान्यता दिआवे लोग. केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के आपन वादा याद होखे के चाहीं जवन ऊ पिछला साल भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के रजत जयंती का मंच से दिहले रहले. अटल जी के सरकार में मैथिली के मान्यता मिलल रहे आ नरेन्द्र मोदी के सरकार बनी त भोजपुरी के मान्यता मिल जाई.
-राजेश भोजपुरिया
भोजपुरी समाज, जमशेदपुर.
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