राष्ट्र के नाम संदेश

by | Aug 15, 2010 | 1 comment

(राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल के दिहल राष्ट्र के नाम संदेश के भोजपुरी अनुवाद)

हमार प्रिय देशवासी,

चउसठवाँ स्वतंत्रता दिवस के पहिले का साँझ हम भारत आ विदेश में रहत रउरा सभे के अभिनन्दन करत बानी. हमनी का सीमा के रक्षा में लागल सशस्त्र सैनिक आ अर्द्ध सैनिक बल के वीर जवानन का साथेसाथ केन्द्रीय आ राज्य स्तर के पुलिस आ आंतरिक सुरक्षा बलो का जवानन के हम खास तौर पर अभिनन्दन करत बानी. हम देश के हर नागरिक के अभिनन्दन करत बानी जिनकर कड़ेर मेहनत, उत्पादन कुशलता आ उद्यमशीलता भारत के दुनिया के अगिला पाँत का देशन में शामिल करा दिहले बा. हम हालही में लेह में बदरी फटला से भइल दुर्घटना में अपना सवाँगन के गवाँ देबे वाला लोगन के, घवाहिल लोगन के आ जिनकर घर संपत्ति के नुकसान चहुँपल उन सभका से आपन हार्दिक दुख जतावत बानी.

देशवासी,

हर साल हमनी का आपन आजादी के दिन बहुते धूमधाम आ खुशी का साथ मनाइले आ ई स्वाभाविको बा काहे कि एही दिन बरिसन के दासता का बाद हमनी के आजादी मिलल रहुवे. वास्तव में १५ अगस्त १९४७ के दिन इतिहास में एगो असाधारण उपलब्धि वाला दिन का तरह याद कइल जाला जब भारत अपना गजब के सहनशीलता आ अजब के साधनन के इस्तेमाल करत आजादी हासिल कइले रहुवे. महात्मा गाँधी का नेतृत्व में, अहिंसा आ सत्याग्रह का बल पर, आजादी लेबे के आन्दोलन सगरी देश में पसर गइल जवना से देशवासी अतना प्रेरित भइले जवन कबहिये कबो देखल जाला. करोड़ो मरद मेहरारु अपना इच्छा से आजादी का एह लड़ाई में शामिल भइले आ एगो बड़हन ताकत बन के ऊ लोग दुनिया के सबले बड़ उपनिवेशवादी ताकत के हरा दिहल. एह तरह आजाद भारत के उदय भइल.

आजाद भारत के नागरिक होखला का नाते हमनी का ओह मूल्य आ सिद्धान्तन पर विचार करे के चाहीं जवन आजादी खातिर लड़ के आपन जिनिगी तज देबे वालन का दिलो दिमाग में रहुवे.ऊ लोग सैकड़न बरिसन से देश में सहेजल मूल्य से प्रेरणा लिहले रहुवे. पंडित जवाहरलाल नेहरू एक बेर गाँधी जी का बारे में “भारत के एगो अइसन सनातन आत्मा जे आजादी के मशाल जरवले राखल” कहले रहलन. गाँधी जी के विचार आ उनकर जिनिगी सही मायने में हमनी के ओह प्राचीन सभ्यता के विचारधारा के अभिव्यक्ति रहे जवना में शांति, मिलजुल के रहे के भावना, अहिंसा, आ सत्य, मानव गरिमा आ करुणा जइसन तत्वन के खास जगहा दिहल जात रहे. आजु का हमनी का ओह सिद्धान्तन के भुलवले जात बानी ? का हमनी का ओकर अनदेखी करत बानी जा ? ना. हमनी के अइसन ना करे के चाहीं. ई ऊ सतत मूल्य हईं स जवन हमी के देश, समाज, आ हमनी में से हर आदमी के आदमी का रूप में पोसले बा. गाँधी जी के विचारधारा के अबहियो बड़हन प्रभाव बा आ दुनिया में ओकर प्रासंगिकता बढ़ले जात बा आ हर साल उनकर जनमदिन दू अक्तूबर पूरा दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस का रुप में मनावल जाये लागल बा.

देशवासी,

आजु हमनी का ओह एतिहासिक दौर में बानी जा जब दुनिया में बदलाव आ रहल बा. ई बदलाव हमनि के अर्थव्यवस्था, शासन तंत्र, व्यापार, वाणिज्य, शिक्षा आ जीवन के हर गति पर असर डाल रहल बा. बदलाव का एह युग में भारत के कबहियो पाछा नइखे रहे के. हमनी के पूरा कोशिश रहे के चाहीं कि अइसना का समहर विकास होखो जवना में सभे केहू समृद्ध होखे. बाकिर का अइसनका संभव बा कि हमनी के देश के विद्वान, नेता, दार्शनिक, चिन्तकन के पालल पोसल राजनीतिक नजरिया, आर्थिक उन्नति, आ वैज्ञानिक प्रगति के मानवता के कल्याण, सहिष्णुता, आपसी सम्मान, आ बेस्वार्थी जइसन भाव ओह विकास का साथे जोड़ल राखल जा सके ? हमनी के इतिहास आ भविष्य दुनु एक दोसरा के पूरक बा. जहाँ एक ओर भविष्य हमनी के बोला रहल बा त दोसरा तरफ हमनी के अतीत हमनी के राह देखावत बा.

हमनी के इतिहास का रहल बा ? भारत एगो पोढ़ आ सद्भावना प्रिय समाज ह आ विद्या ग्रहण करे ओकर एगो लमहर परम्परा रहल बा आ ओकर दर्शन हजारन साल के अनुभव आ ज्ञान पर टिकल बा. स्वामी विवेकानन्द भारत के “एगो अइसन पुरनिया भूमि, जवना के ज्ञान दोसरा कवनो देश में जाये से पहिले आपन घर बनवले रहुवे”, बतवले रहले. हमनी के देश ऊ देश ह जहवाँ कई गो धर्मन के जनम भइल, जहवाँ दुनिया के सगरी धर्मन के आदर से जगह मिलल बा. हमनी के देश ऊ देश ह जहवाँ अलग अलग भाषा, संस्कृति, आ रीति रिवाजन के फरे फुलाये के अवसर मिलल बा. भारत अपना धार्मिकता, विद्वता, आ शिक्षा केन्द्रन खातिर अतना मशहूर रहे कि दुनिया भर से यात्री एहिजा आवत रहुवन. शुरुवे से भारत में प्रगति आ नैतिक विकास के संकल्पना संगही संगे होला अलगा अलगा ना. भारत में जतना वैचारिक गहराई रहुवे, ओतने भौतिक समृद्धि रहुवे. एहिजा बने वाला बढ़िया सामानन के, मसाला के, रेशम के आ सूत के बहुते माँग रहुवे. भारत के व्यापारी सुदुर पूर्व से लेके पश्चिम के देशन तक जात आवत रहले आ अपना साथ भारत के सामाने ना ले जात रहले, बलुक एगो महान सांस्कृतिक आ समृद्धशाली देश का तरह के एकर छविओ के प्रचार करत रहले.

हमनी का एगो अइसना महान सभ्यता के उत्तराधिकारी बानी जवना में विरासत एक पुश्त से दोसरा पुश्त के सँउपल जात रहल बा. यदि हमनी का राजनीतिक, सामाजिक, आ आर्थिक न्याय के आदर्शन के सही मायनेमें अपना लीं त हमनी का एकर असली वारिस बन सकीले जा. खाली बतियवले से काम ना चली. हमनी के दृढ़ संकल्प का साथे एकरा के मानहू के पड़ी. हमनी पर अपना ५४ करोड़ नवजवानन के नवकी पीढ़ी के आपन समृर्द्ध विरासत सँउपे के जिम्मेवारियो बा. ओह लोगन पर हमनी के पूरा भरोसा बा आ अइसनका कइल जायजो बा. ऊ लोग देश विदेश में तरह तरह के कार्यकलापन से आपन क्षमता आ योग्यता देखावत बाड़े. मल्टीनेशनल कंपनी होखे, सूचना तकनीक होखे, वित्तीय संगठन होखे भा विश्व स्तर के वैज्ञानिक संस्थान, नवजवान भारतीय एह सभ में काम करके आपन छाप छोड़ रहल बाड़े. खेल का मैदान में ऊ देश खातिर नाम कमा रहल बाड़े. हमनी के नवही देश के भविष्य निर्माता हवे. हमें ओह लोग के शिक्षित करे के बा आ ओह लोग में बलिदान, समर्पण, देशभक्ति, आ देशसेवा जइसन भाव पनपावहू के बा. एह तरह से ऊ लोग विश्वास का साथ भविष्य के सामना करे लायक बन जाई आ अबही ले मिल चुकल उपलब्धि के अउरी आगा बढ़ाई.

हे प्रिय देशवासी लोग.

आजु हमनी के देश कवना हालात में बा ? दुनिया के सबले बड़हन लोकतंत्र का रुप में आ हर स्तर पर लोकतंत्र के मजबूत होखला से हमनी के विश्वसनियता अउरी बढ़ल बा. हमनी किहां राष्ट्रीय स्तर से ले के बुनियादी स्तर ले निर्वाचित संस्था मौजूद बाड़ी स. लोकतंत्र नागरिकन के देश का कार्यकलाप में शामिल होखे के अधिकार दिहले बा आ आजु ई भारत में जिनिगी के हिस्सा बन गइल बा. आर्थिक क्षेत्र में खरीद के ताकत के तुलना का आधार पर हमनी का दुनिया के चउथका सबले बड़ अर्थव्यवस्था बन चुकल बानी स आ सबले तेजी से बढ़े वाली अर्थव्यवस्था में शामिल बानी स. हमनी के अर्थव्यवस्था के ताकत पिछला विश्वव्यापी आर्थिक संकट में झलकल, जब ओकर सामना हमनी का बहुते दोसरा देशन का मुकाबिले बेहतर ढंग से कइनी स. हमनी खातिर भविष्य बहुतेरी संभावना आ उम्मीदन से भरल बा. तबहियो, बहुते अइसन मु्द्दा बा जवना पर धेयान दिहल ज्यादा जरुरी बा आ ई अउरी जरुरी बा कि हमनी का ओकर समाधान कइसे करत बानी जा.

हमनी के पहिला काम सभकर कल्याण सुनिश्चित कइल बा. एही चलते भारत अपना आर्थिक ढाँचा का आधार रुप में समहर विकास के अपनवले बा आ ऊ एकरा पर सक्रिय रुप से अमल कर रहल बा. हमनी के काम तबे पूरा होई जब कवनो लड़िका भूखे पेट ना सूती, केहू के फुटपाथ पर ना सूते के पड़ी आ हर बच्चा स्कुले जाई. एहीसे सरकार का कार्यक्रम में शिक्षा, दक्षता विकास, आवास, स्वास्थ्य देखभाल, आ पोषण के प्रमुखता दिहल गइल बा, जवन कि होखहू के चाही. हमनी के सोचे के चाहीं कि एगो जिम्मेदार नागरिक का नाते हमनी का सरकार के कोशिशन में आपन योगदान के तरह से दे सकीले. एक अरब के आबादी वाला देश खातिर ई एगो बड़हन काम बा बाकिर हमनी के हिम्मत नइखे हारे के. हर गाँव, नगर, महानगर का हर कॉलोनी में लोग आगा बढ़ के सगरी गरीबन खातिर काम करे वाला समूह बना सकेले. कुछ लोग पूछ सकेला कि एह मामूली कोशिशन से का हो जाई ? ओह लोग खातिर हमरा एगो अइसन आदमी के कहानी याद आ रहल बा जे तूफान अइला का तुरते बाद समुद्र का किनारे से जात रहुवे. ऊ अपना आगा एगो अइसन आदमी के देखलस जवन समुद्र के तूफान का साथे किनारे पटका गइल स्टारफिश मछरियन के उठा उठा के फेरु से समुद्र में फेंकले चलल जात रहुवे. ओह आदमी से ऊ पूछलसि कि समुद्र के किनारा अतना लमहर बा, तोहरा एह कोशिशन से का हो जाई काहे कि लाखो अइसनका मछरी किनारे फेंकाइल बाड़ी स आ ऊ सगरी मरिये जइहें ? ऊ आदमी अपना हाथ में उठावल स्टारफिश के समुद्र में फेंकत कहलसि कि एकरा खातिर त फरक पड़ी नू ? संदेश बिल्कुल साफ बा. कोशिश छोट होखे भा बड़, ओकरा से अन्तर पड़ेला.

प्यारे देशवासी लोगन,

हम समुझिले कि शिक्षा का माध्यम से सशक्तिकरण जरुरी बा काहे कि एकरा से संभावना के बहुते दुआर खुल जाले. शिक्षा के अधिकार अधिनियम से लड़िका लड़िकिन खातिर निशुल्क आ जरुरी प्राथमिक शिक्षा के मौलिक अधिकार बना दिहल गइल बा. ई जरुरी बा कि माध्यमिको शिक्षा सभका भेंटा सको काहे कि हमनी के कोशिश उच्चतर शिक्षा में विद्यार्थियन के संख्या बढ़ावलो बा. एहसे देश के बौद्धिक ताकत मिली. हमनी का अइसना युग में बानी स वजना में रोज बरोज नया नया खोज से आदमी के कार्यकलापन के बहुतेरे क्षेत्रन पर असर पड़ रहल बा. नया तकनीकन से हमनी के कृषि आ औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकेला. बढ़िया तकनीकन से पूंजी, श्रम, आ संसाधन के बेसी से बेसी उपयोग सुनिश्चित कइल जा सकेला. हमनी का मोबाइल फोन के सुविधा के असर अपना गाँवो पर देखत बानी जा. नया प्रयोगन आ आविष्कारन के हमेशा बदलाव के कारक का रूप में खास मानल गइल बा बाकिर पहिले कबो ओकरा के अतना प्रमुखता ना दिहल जात रहे जतना आजु दिहल जा रहल बा. दुनिया के देशन के धनी आ गरीब, विकसित आ विकासशील में वर्गीकरण आगा चल के तेजीसे नया प्रयोग में लागल आ धीमी गति से लागल देशन का रुप में हो सकेला. बढ़िया तकनीकन में आगा बनल रहे खातिर देश में हर क्षेत्र में अनुसंधान आ विकास के बढ़ावा देत कोशिश होखल जरुरी बा.

हमनी के भौतिक ढाँचागत सुविधो बनावे का काम में तेजी ले आवे के पड़ी. नया नया सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डा, विद्युत परियोजनन के जरुरत बा आ मौजूदा सविधो में सुधार करे के बा. एह बढ़ोतरी से हमनी के ओइसन ढाँचागत कमी दूर होउ जवन आर्थिक बढ़न्ती का राह में बाधा बा. आजु कई नजरियन से हमनी के छवि एगो उभरत विश्वशक्ति से मेल नइखे खात.

हमनी के उद्योगन के प्रगति होत रहे के चाहीं. भारत के कंपनियन के कुशल आ दुनिया भर में मुकाबिला करे लायक बनावे के कोशिश जारी रहे के चाही. एहमें से कुछ कंपनी पहिलही विदेशन में आपन मौजूदगी दर्ज करा चुकल बाड़ी स. दुसरका हरित क्रांति का दिशाईं आगा बढ़े खातिर हमनी के कृषि क्षेत्र में नया दिशा में आ ताजा विचारन का साथे बिल्कुले अलगा सोचावट के जरुरत बा जेहसे कि कृषि पैदावार, उत्पादकता, आ मुनाफा बढ़ सके. खाद्य सुरक्षा आ दाम स्थिर राखहू खातिर ई बहुत जरुरी बा. संगही संगे कृषि के अलगा थलगा नइखे राखे के, एकरा के अर्थव्यवस्था के दोसरो क्षेत्रन का साथे जोड़ल जरुरी बा. उद्योगन के कृषि के साथ जोड़ला से गँवई इलाकन में औद्योगिक विकास के आधार मिल जाई आ कृषि व्यापारो के बढ़ावा मिली. किसान हित के रक्षा करत खेती के अइसन तरीका खोजे पड़ी जवना में बड़हन पैमाना पर खेती कर के उत्पादन बढ़ावल जा सके. किसानन के उपभोक्ता से सीधे जोड़े वाली वितरण व्यवस्था के बढ़ावा दिहला के जरुरत बा जवना से किसान के पैदावर के बेसी दाम मिल सको आ उपभोक्ता के कम दाम पर सामान. उपज का जगहा मूल्य संवर्धन से स्थानीय लोगन के रोजगार आ आमदनी के मौका बढ़ी. दक्षता विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण, आ समाज कल्याण कार्यक्रम का माध्यम से गाँव के गरीबन आ खेत मजदूरन के सहायता देबे पर जोर देबे के चाही. महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम रोजगार उपलब्ध करवावे के एगो बढ़िया आ खास व्यवस्था बा. यदि एकरा के इस्तेमाल में ले आवत घरी स्थानीय हालातो के धेयान में राखल जाव आ अलगा अलगा योजना के आपस में जोड़े के नया प्रयासन के बढ़ावा दिहल जाब त गाँवन का बढ़न्ती में तेजी आ जाई. जइसे कि बरखे से पटवन वाला इलाकन में खेती के उन्नत तरीका अपना के, आ माटी आ पानी के संरक्षण खातिर पोखरा आ ताल बना के, ओकर सही रखरखाव करत गाद साफ कर के, खेती के पैदावार बढ़ावल जा सकेला. एह तरह के कामन के तालमेल का साथे कइला से सही आ उद्देश्य पूर्ण बदलाव ले आइल जा सकेला.

बाकिर निर्धारित लक्ष्य आ मकसद के पूरा होखल प्रभावी शासन प्रणाली पर निर्भर करे ला. नीति तइयार करे में आ कार्यक्षेत्र मरं जा के अमल में ले आवही खातिर सरकारी कर्मचारियन के ताकत दिहल गइल बा. ई बाति हमेशा ध्यान में रखला के जरुरत बा के एह ताकत के उपयोग जिम्मेदारी का साथे होखे के चाही. भ्रष्टाचार तनिको बर्दाश्त ना कइला आ जनसेवा के उच्च मानदण्ड अपनवला से शासन प्रणाली के कारगरता जरुरे कायम होखी आ विकास आ तरक्की कई गुना तेज हो जाई.

प्यारे देशवासी,

हमनी के कानून के पालन करे के चाहीं आ नैतिक उत्थानो खातिर काम करे के चाहीं. एह बाति के चरचा हम एह बदे करत बानी कि भोतिकवाद के बढ़ला का चलते एक दोसरा का प्रति संवेदनहीनता बढ़ल जात बा. पारिवारिक संबंध कमजोर होखे लागल बाड़े. सामाजिक जागरुकता में गिरावट आ रहल बा. कुछ सामाजिक बुराई आजु ले चलत बा. एकरा के बदले पड़ी. नैतिकता आ सदाचार के नया चेतना ले के नया सफलता पावे के आजु सबले बढ़िया मौका बा. एह तरह हमनी के प्रगति, सहृदयता, सहनशीलता आ निस्वार्थ सेवा जइसन मूल्यआधारित होखी जवन आदमी के जिनिगी के सार्थक आ सोद्देश्य बनावे खातिर खास होई. एह मूल्यन से हमनी के बहुसांस्कृतिक, बहुधर्मी, बहुभाषी समाज अउरी मजबूत बनी. एहसे हमनी के समृद्धि आ प्रगति के एगो टिकाऊ ढाँचा तइयार करे लायक मजबूत आधार मिली. जइसे कि आसमान में ऊपर उड़त पतंग पर हवा आ बदरी असर डालेला. डोर मजबूत रहल त ओकरा के बढ़िया से उड़ावल जा सकेला आ ऊ उड़त रही. ना त एने ओने भटक जाई, कट जाई, आ नीचे गिर के खतम हो जाई. हमनी के विकास यात्रा वइसने पतंग का तरह बा जवना के चलावे खातिर नैतिक आधार मजबूत डोर का तरह बा. भारत असंख्य मूल्यन के भंडार ह. आईं, प्रगति का राह पर बढ़तो हमनी का एकरा के कायम राखे के कोशिश कइल जाव.

आजु का कड़ा मेहनते से काल्हु के भारत के निर्माण होई. हम सगरी नागरिकन के आह्वान करत बानी कि ऊ लोग राष्ट्र के भविष्य के मजबूत आ उज्जर बनावे में आपन योगदान देव. हमनी सभके एह लक्ष्य के पावे में आपन भूमिका आ जिम्मेदारी समुझ लेबे के चाहीं. जइसन कि हम पहिले कहले बानी हर कोशिश के महत्व होला. राष्ट्र निर्माण खातिर लगन आ धीरज से काम करे के क्षमता के जरुरत होई आ एहमें निजी फायदा का बनिस्बत राष्ट्र के विकासे एगो पुरस्कार होई. एकरा खातिर हमनी के लक्ष्य एक होखे के चाहीं आ अइसनका मुद्दा पर ध्यान केन्द्रित रहे के चाहीं जवना से हमनी में एका हो सके. एकरा खकातिर सामंजस्य के भावना जरुरी बा. ई तबे संभव बा जब बातचीत के संवाद के माध्यम बनावल जाव. एक दोसरा के बात सुनला से, एक दोसरा के नजरिया के आदर कइला से, आ एक दोसरा के विचार समुझला से हमनी का आपन समस्यन के समाधान निकाल सकीला. उग्र विचारधारा के प्रवर्तक आ वामपंथी उग्रवाद के हिमायतियन के हिंसा के राह छोड़ देबे के चाहीं. हम ओह लोग के आह्वान करत बानी कि उहो लोग तरक्की का राष्ट्रीय प्रयास में शामिल होखसु. हमरा उमेद बा कि सभ्य समाज के सगरी सदस्य आगा आ के ओह लोग के एह दिशाईं बढ़े में सहयोग करी. एह मामिला में विकास के निरन्तर प्रयास के जरुरत पड़ी.

प्यारे देशवासी लोग,

भारत के विकास आ प्रगति अइसनके माहौल में होई जवन दुनिया के घटनाक्रमो से प्रभावित होई. हमार मानल बा कि अगर समृद्धि पावे के बा त शान्ति जरुरी बा. आतंकवाद दुनिया के शांति, स्थिरता, आ सुरक्षा खातिर सबले बड़ खतरा बा. ओकरा के हरावे खातिर दुनिया के सगरी देशन के एकजुट हो के काम करे के पड़ी जेहसे कि आतंकवादियन के कहीं कवनो ठिकाना, प्रशिक्षण के जगहा, कवनो वित्तीय साधन, कवनो ढाँचागत सहायता मत मिलो आ ओकनी के विचारधारा के हिमायतो करे वाला केहू ना रहे. दुनिया में हिंसा आ नफरत के कवनो जगहा ना हो सके. असल में मनुष्य होखला का नाते हमनी के सवन सझिया हित बा, ऊ विघटनकारी ताकतन से बेसी मजबूत बा. यदि विज्ञान आ तकनीकि में तेज गति से विकास करे वाली एह सदी के मानव द्वारा मानवीय मूल्यन का साथे हासिल शानदार उपलब्धियन के सदी बनावे के बा त दुनिया के विनाश के ना शांति के उपदेश देबे के होई. हमरा भरोसा बा जे भारत मानव जाति के प्रगति में बढ़ चढ़ के आपन योगदान दीहि.

आदमी में नया नया ऊचाईयन के छुवे के अपार क्षमता होला. अपना पर भरोसा, मिलजुल के काम करे के हमनी के क्षमता, आ सफलता पर हमनी के विश्वास के साथ हमनी का आपन यात्रा जारी राखब. हमनी में एगो महान राष्ट्र के निर्माण करे के क्षमता बा, आ अपना सामूहिक इच्छा शक्ति आ मेहनत से हमनी का आपन लक्ष्य पा लेब जा. आ आजु जब हमनी का अपना प्रगति पथ पर बढ़ल जात बानी आ ध्वज शान से फहरा रहल बा, जइसन कि काल्हु स्वतंत्रतो दिवस पर फहराई, त हम एगो मशहूर भारतीय कवि के एह पंक्तियन के गर्व से उल्लेख कर सकब

गगन गगन तेरा यश फहरा
पवन पवन तेरा बल गहरा.

एही शब्दन का साथ हम स्वतंत्रता दिवस के एह पावन अवसर पर एक बेर फेर अपना देशवासियन के शांति, समृद्धि, आ प्रगति के कामन करत बानी.

जय हिन्द.


ई भोजपुरी अनुवाद अँजोरिया के पुरान मान्यता का तहत दिहल जा रहल बा कि हर तरह के महत्वपूर्ण बाति भोजपुरी में परोसल जाये के चाहीं. अगर भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता दिआवे के बा त खालि बतकुच्चन से काम ना चली कुछ काम के बात कर के देखावे के पड़ी.

महामहिम राष्ट्रपति के दिहल मूल संबोधन के एह भोजपुरी अनुवाद में मूल भावना के जस के तस रखला के भरसक कोशिश कइल गइल बा बाकिर अगर कहीं कवनो गलती रहि गइल होखे त ओकरा खातिर हम पहिलही बिनाशर्त माफी माँग लेत बानी.

संपादक, अँजोरिया.

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1 Comment

  1. omprakash amritanshu

    “चउसठवाँ स्वतंत्रता “दिवस बाटे आईल ,चाहू- ओरे खुशियाँ के झंडा लहराईल |
    ये माई भोजपुरी के ना लोरवा पोछाईल ,ये माई भोजपुरी के ना लोरवा पोछाईल ||
    महामहिम राष्ट्रपति के दिहल संबोधन के भोजपुरी आनुवाद स्वाद से भरपूर लागल . || जय भारत ||
    गीतकार :-ओ.पी .अमृतांशु

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अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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