एक बेर के बाति हऽ. अमेरिका के एगो शहर में एगो व्यवसायी करजा में डूबल रहे आ ओकरा कवनो राह ना लउकत रहे. महाजन लेहना खातिर जियल जंजाल बनवले रहलें स. ऊ एगो पार्क का बेंच पर मूड़ी लटकवले सोचत बइठल रहुवे कि का कइल जाव ?

तलही एगो बूढ़ आदमी आइल आ कहलसि, “हम देखत बानी कि तू परेशान बाड़ ? का बाति बा ?” फेर ओकर परेशानी सुन के कहलसि कि शायद ऊ ओकरा खातिर कुछ कर सकेला. ऊ नाम पुछलसि, एगो चेक लिखलसि आ ओकरा के देत कहलसि, “ठीक एक साल बाद एहिजे तोहरा से भेंट होखी. ओह दिन अगर तू ओह लायक हो गइल रहऽ त वापिस कर दीहऽ.”

व्यवसायी देखलसि कि ओकरा हाथ में ५ लाख डालर के चेक बा जवना पर जॉन डी रॉकफेलर के दस्तखत बा ! (रउरा “प्रबंधन में रॉकफेलर आदत” का बारे में सुनले होखब.)

ऊ सोचलसि कि रुपिया के चिन्ता त तुरते दूर हो गइल. बाकिर ऊ ओह चेक के ना भँजावे के तय कइलसि. सोचलसि कि जबे जरुरत पड़ी तब ई चेक बड़लहि बा अपना बिजनेस के बचावे खातिर.

आ ऊ नया उमंग से अपना धंधा में फेर लाग गइल. महाजनन से चुकता के नया समय ले लिहलसि, कई गो बड़हन सौदा कर लिहलसि आ कुछेके महीना में ओकर करजा चुकता हो गइल रहे आ ऊ फायदा कमावल शुरु कर दिहले रहुवे.

एक साल बाद ऊ ओह चेक के ले के फेर ओहि पार्क में बइठल इन्तजार करत रहुवे आ सही समय पर ऊ बूढ़ फेर नमूदार भइल. बाकिर जबले ऊ चेक वापिस कर पाइत तबले एगो नर्स धावल आइल आ ओह बूढ़ के पकड़ि लिहलसि. कहलसि, “हमरा खुशी बा कि हम इनका के ध लिहनी. उमीद बा कि रउरा कवनो परेशानी ना भइल होखी. ई हमेशा घर से भागत रहेलें आ मिले वाला से आपन परिचय जॉन डी रॉकफेलर बतावेलन.” आ ऊ ओह बूढ़ के ले के चलि गइल.

अब व्यवसायी भँउचक होके सोचे लागल. बाप रे, पूरा साल हम ओह चेक का भरोसे खरीदत बेचत रहली कि कवनो विपत्ति में ५ लाख डालर त बड़ले बा. आ तब ओकरा भान भइल कि ओकरा सफलता का पाछे ऊ चेक ना रहुवे, बलुक ओकर आत्मविश्वास रहुवे जवना का बल पर सगरी सफलता मिल गइल.

त बस, सोचत का बाड़ऽ? आगा बढ़ऽ, जवन सही काम करे के चाहत बाड़ऽ पूरा आत्मविश्वास का साथे करऽ. तहरा साथे भगवान के कई लाख डालर के आशीर्वाद बा आ ओकरा भरोसे आ अपना शुभचिन्तकन का भरोसे तू सफल हो लेबऽ.


मालूम ना कोलकाता में पत्रकारिता में लागल लोकनाथ तिवारी के ई रचना कहाँ से मिलल भा ई केकर लिखल हऽ. हमरा के ईमेल से भेजलें त हमरा अतना सही लागल कि सोचनी कि प्रकाशित कर दीं.

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One thought on “अपना बारे में सोच के कमाल”
  1. रऊरा एकरा के प्रकाशित कर के अंजोरिया के पाठकनि के एगो बढ़िया आर्टिकल परोसले बानी, धन्यवाद…
    राउर ऊर्जा नवहियन के मात दे दिही..भगवान राऊर ऊर्जा के बरकरार राखसु..लोकनाथ

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