साहित्य अकादमी बरीस 2021-22 ला डॉ अशोक द्विवेदी के “भाषा सम्मान” देबे के घोषणा कइले रहुवे. कोरोना प्रोटोकॉल का चलते दू बरीस ले कवनो समारोह ना कइलसि साहित्य अकादमी. एह साल 11 से 16 मार्च 2023 ले चलल साहित्योत्सव में 13 मार्च का दिने ई सम्मान दीहल गइल. देश के विभिन्न क्षेत्रन से आइल विद्वान साहित्यकारन का बीच अकादमी के उपाध्यक्ष प्रो० कुमुद शर्मा का हाथे पुष्पगुच्छ अउऱ अध्यक्ष डॉ माधव कौशिक का हाथे अंगवस्त्र अउर सम्मान चिन्ह दीहल गइल. एकरा बाद अकादामी के सचिव के० श्रीनिवासन का आमन्त्रण पर आपन उद्गार व्यक्त करत डॉ द्विवेदी अकादेमी के प्रति कृतज्ञता जतावत कहनी कि लोकभाषा में लोकभाव अउर समाज के जीवन-संस्कृति के मौलिक अभिव्यक्ति होखेला. हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ साहित्य,एही  लोकभाषावन से समृद्ध भइल बा.
साहित्य अकादमी के फेसबुक पेज पर एह खबर के प्रकाशित कइल गइल बा. ओह पर अनेके लोग आपन आपन बधाई संदेश लिखले बा. वइसने एगो पाठक जलज कुमार मिश्रा लिखले बाड़न (हिन्दी में लिखल टिप्पण के भोजपुरी उल्था) –
वातानुकूलित कोठरियन में लीहल जाए वाला फैसलन में जब जब गाँव अउर लोक शामिल होखेला, तब तब फैसला खुद सम्मानित होला. अबकिओ बेर अइसने भइल बा.
साहित्य अकादमी भाषा सम्मान से सम्मानित करे ला एगो अइसन भोजपुरिया मनई के चुनले बा जिनका के चुनले 25 करोड़ भोजपुरी भाषियन के चेतना के आत्मसंतोष अउर गौरव के अनुभूति करावत बा.
भोजपुरी भाषा के आधुनिक आधार स्तम्भन में से एक आ भोजपुरी के रचनात्मक आंदोलन के पिछला चालीस बरीस से लगातार एगो मंच देबे वाली भोजपुरी के एतिहासिक दस्तावेज बन चुकल पत्रिका पाती के यशस्वी सम्पादक डॉ अशोक द्विवेदी के,दर्जनों राष्ट्रीय स्तर के सम्मान से सम्मानित कइल जा चुकल बा.
डॉ द्विवेदी हमरा अकेलही ला ना बलुक हजारन लोग के दिलो-दिमाग में भोजपुरी के नाम के अलख जरवलें आ साथही साथ अपना मातृभाषाई अस्मिता का नाम पर संघर्षो कइल सिखवलें. हमरा ला त उहाँ के गुरु के भूमिका में रहल बानी. हमार पहिला किताब के जब मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली सरकार से छापे ला सकारल गइल रहे तब डॉ द्विवेदी हमरा रचनन के देखनी ओहमें जरुरी सुधार बतवनी आ ओकर भूमिका लिखले रहीं.
डॉ अशोक द्विवेदी महादेव के अनन्य भक्त हईं. बाबा तुलसीदास रचित मानस से उनुका अगाध नेह आ छोह बा. हमरा याद बा एक बेर उहाँके  कहले रहीं कि – जलज, भोजपुरी भाषा के अस्मिता ला संघर्ष करे वाला हर आदमी हमार प्रिय हो जाला. डॉ द्विवेदी के सहजता आ सहृदयता केहूओ के मन मोड़े ला काफी होला. भोजपुरी खातिर काम करे वाला हर मनई ला के नाम‌ पर सदैव आ सहज उपलब्ध रहो वाला डॉ अशोक द्विवेदी के स्वास्थ्य बनल रहे आ भोजपुरी के प्रतिष्ठा बढ़ावे में उहाँ के हमेशा लागल रहीं इहे कामना बा.
साहित्य अकादमिओ के एह श्रेष्ठ चुनाव करे खातिर साधुवाद पहुँचे जवन ऊ अकसरहाँ अपना बँवारा गिरोह वाला सदस्यन का दबाव में कर ना पावे.
बधाई संदेश देबे वालन में अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी आ साहित्य अकादमी के सदस्य प्रो० चितरंजन मिश्र का अलावे अजीत द्विवेदी, हीरा लाल, अशोक तिवारी, वगैरह शामिल बानी.

 

 101 total views,  7 views today

By Editor

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: