अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi
सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.
अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.
(1)
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया
(3)
24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया
(4)
18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया
(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया
(5)
5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया
पूरा सूची
एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.
ए सवाल के जबाब देहल आसान नइखे। काहेंकि इ बहुत गंभीर मुद्दा बा…पर हाँ अगर भोजपुरी के कथित कर्णधार लोग वास्तविक रूप से भोजपुरी के विकास के मद्दा राखित लोग त सायद इ सवाले ना उठित।
खैर….सबसे पहिले भोजपुरी संबंधित संस्थन के आगे आ के ए पर विचार कइले के ताक बा अउर एक जुट होके एगो मिसन चला के भोजपुरी छेत्र के राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, फिल्मी अगुअन से ओ लोगन की सहयोग से कुछ एइसन होखे के चाहीं की भोजपुरी के समर्थन दिल से मिलो…जवने दिन लोग अपनी स्वार्थ से ऊपर उठि के भोजपुरी के बात करे लागी…ओ ही दिने ए सवाल के जबाब अउर हल दुनु मिल जाई..फेरु भोजपुरी उपेक्षित ना रही…हमार इ कहनाम बा कि खाई-कमाई-लाभ उठाईं पर भोजपुरियो के फायदा पहुँचाई।। सादर।।