फगुआ के सांस्कृतिक रंग में सेंधमारी

by | Mar 15, 2014 | 0 comments

-डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल

फगुआ कहीं भा होली, ई बसंतोत्सव हउवे. बसंत जब चढ़ जाला त उतरेला कहाँ ? एहीसे त होली के रंगोत्सव के रूप में मनावल जाला. प्रकृतियो हमनी के साथ देले. नु ठंढा नु गर्मी, का मनभावन मौसम होला ! रंगन के महफिल में शिष्टता आउर सौहार्द्र के सुगंध होला आ पारंपरिक मर्यादा में उत्साह के विकास होला.

होली में शृंगार के पराकाष्ठा भी लउकेला, खासकरके कबीरा आ जोगीरा के रूप में बाकिर तबहुँओ ओकरा कथन भंगिमा भा गायन शैली में उत्तेजना खातिर कवनो जगह ना होखे आ नाहीं काम(Sex) के विकृत रूप के सम्माने मिलेला. लोक साहित्य आ संगीत में अपना एह सीमा में रति भाव ओइसहीं स्वीकार कइल गइल बा जइसे बियाह ओगैरह मांगलिक अवसरन पर मेहरारू लोगन के गाली के गवाई.

होली गायन के शुरुआत भगवान शंकर भा कृष्ण के रस, रंग आ संगीत में डूबल भजन से होखेले. ईहे हमनी के परंपरा ह आ एही चलन में हमनी के मस्ती परवान चढ़े लागेले. चौपाल सजे लागेला, डंफ आउर ढोल के थाप के सङही झाल आ झाँझ के झनकार बाताबरन के एगो खास किस्म के मोहक रूप देबे लागेले.

बाकिर, आजु मौसम बदल गइल बा. चौपालन पर से सामूहिक गायन के अधिकार टूटे लागल बा. म्यूजिक कंपनी आ नया-नया आडियो-वीडियो माध्यम होली के एह सांस्कृतिक रंग में सेंध लगा देले बाड़न स. खुलापन के नाम पर एगो कल्पित कुरूप शृंगार हाबी होखे लागल बा. मजबूरी के आलम ई बा कि शिष्ट आ सभ्य लोगन के आपन कानो बंद करेके परेला. ऊ लोग अइसन आयोजनन से दूर हो रहल बाड़न बाकिर नया पीढ़ी के त मजा आ रहल बा आउर बिना कवनो परिनाम के चिंता कइले ओकर कदम थिरकत लउकता.

साँच पूछीं त ई हमनी के संस्कृति खातिर एगो त्रासद घड़ी बा. एहमें फगुआ के चेहरा दिन प दिन बदरंग होखत जाता. अब समय आ गइल बा कि भोजपुरी गायक, गीतकार आ म्यूजिक कंपनी- सभके एहू पहलू पर गंभीर होखेके परी आउर संस्कृतियो के भविष्य के कुछ चिंता करहीं के परी काहेंकि एही संस्कृति से इहाँ सभ के रोजी-रोटी चलेले.

 

Loading

0 Comments

Submit a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up