सोमार का दिने लोकसभा में एगो ध्यानाकर्षन प्रस्ताव के माध्यम से भोजपुरी के संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल करे के माँग कइल गइल.
मुखर सांसदन में संजय निरुपम, जगदम्बिका पाल, डा॰रघुवंश नारायण सिंह, पी एल वगैरह शामिल रहले. सांसद के जोरदार माँग पर प्रणव मुखर्जी के कहे के पड़ गइल कि एह बाति पर अतना जल्दबाजी में पूरा बहस ना करावल जा सके. अगिला सत्र में एह बाति पर विस्तार से चर्चा कइल जाई. सरकार भोजपुरी, राजस्थानी समेत देश के ३८ गो भाषा के एह अनुसूची में शामिल करावे पर सोच विचार कर रहल बिया.
अब ना नौ मन तेल होखी ना राधा जी नचीहें बाकिर भोजपुरी के सवाल उठावे वाला सांसदो तय कर लिहले बाड़न कि अगिला चुनाव से पहिले एकर फैसला करा के मनीहें.
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ए भाई ई कुछ नया बात ना बा ,नेता लोगन के अभिनेता नियर इ डाँयलाँग कि भोजपुरी के भाषा क दर्जा मिले ई खाली दिखावा बा । अगर अतने भोजपुरी से लगाव रहल रहीत त अबले ई कबे मान्यता प्राप्त भाषा बन गइल रहीत । लेकीन का करबऽ दोष त हमहन क बा कि एह लोगन के बोट देत बानी जा ।
जागऽ – जागऽ कवि – किसान ,
भोजपुरिया के राखऽ मान |
इहे बा समईया हांक पारता नोसान{झंडा },
देखऽ मिटे ना आरमान ||
गीतकार
ओ.पी .अमृतांशु