आठवीं अनुसूची में भोजपुरी के शामिल करे के जरुरत

by | Jan 18, 2011 | 0 comments

भोजपुरी अकादमी बेतिया में सेमिनार कइलसि

बिहार के भोजपुरी अकादमी के दिन बहुरे लागल बा. अकादमी के अध्यक्ष प्रो. रविकांत दुबे आ वरीय सदस्य डॉ.गुरुचरण सिंह (अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मलेन पटना के महामंत्री) के देखरेख में भोजपुरी अकादमी द्वारा चलावल जा रहल “भोजपुरी जागृति अभियान” के पहिला पड़ाव के बाद दूसरा पड़ाव प.चंपारण के बेतिया शहर रहल.

9 जनवरी के बेतिया के राज इंटर कॉलेज के प्रांगण में सुप्रसिद्ध कवि आ साहित्यकार डॉ.गोरख प्रसाद मस्ताना के संयोजन में “संविधान के आठवी अनुसूची में भोजपुरी के जरुरत” विषयक सेमिनार के आयोजन भइल. कँपकँपावे वाला ठंडी में रविवार का दिने चंपारण के दूर देहात, शहर के हर भाग, स्कूल आ कॉलेज से आइल कवि, साहित्यकार, विचारक, शिक्षक, छात्र, छात्रा आ आम भोजपुरिया से समूचा हॉल भर गइल रहे. कार्यक्रम दुपहरिया में एक बजे शुरू भइल. एकर उद्घाटन बेतिया के विधायक आ बिहार सरकार के भूतपूर्व कला आ संस्कृति मंत्री रेणू देवी बिहार के हर क्षेत्र से आइल भोजपुरी विद्वान लोगन के साथे दिया जरा के कइनी. एह अवसर पर सर्वोदय मध्य विद्यालय के छात्र लोग भोजपुरी के स्वागत गान “स्वागत में फुलवा लुटाव….. लुटाव मोरी सखिया स्वगत में फुलवा लुटाव” प्रस्तुत कइल. ओकरा बाद मशहूर गायक असलम चिश्ती डॉ.गोरख मस्ताना के गीत ” भासा भोजपुरी ला बा अर्पित उमरिया हम पुरबिया हई………” के सस्वर प्रस्तुति कइनी. सेमिनार के अध्यक्षता डॉ.गुरुचरण सिंह कइनी. विधायक रेणू देवी कहली कि भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष के जेतना प्रशंसा करल जाव कम बा. सरकार प्रो.रविकांत के भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष बना के एगो बड़हन कम कइले बिया. ई अवसर पर चंपारण के भोजपुरी साहित्य के दू गो लमहर साधक जनार्दन पाण्डेय ‘विप्र’ आ मिर्जा खोंच के शाल आ प्रशस्तिपत्र देके सम्मानित कइनी. एही बीचे डॉ.गुरुचरण सिंह जी बेतिया में एगो भोजपुरी भवन के मांग रखनी जेकरा के माननीय विधायक जी मान लेनी आ कहनी कि भोजपुरी के अगला कार्यक्रम ओही भोजपुरी भवन में होई.

विषय प्रवर्तन करत “भोजपुरी जिंदगी” के संपादक संतोष कुमार कहले कि भोजपुरी हर तरह से आठवी अनुसूची में शामिल होखे के दावेदार बिया लेकिन द्वेष भावना से केंद्र सरकार कान में तेल डाल के सुतल बिया. सबसे पहिला वक्ता के रूप में दिलीप कुमार, भोजपुरी विश्व के सह-संपादक, एह विषय पर आपन आलेख पढ़नी. भोजपुरी के विद्वान आ आलोचक डॉ॰ ब्रजभूषण मिश्र आपन विचार रखत कहानी कि ” आठवी अनुसूची में भोजपुरी के शामिल भइला पर शिक्षा, अनुवाद अउरी राज्य सरकार के प्रशासनिक सेवा में नोकरी के रहता खुल जाई.” मुख्य वक्ता डॉ. जीतेन्द्र कुमार वर्मा कहले कि “ई भासा में जवन तगड बा उ कवनो अउरी में नइखे. पियर दग दग, उज्जर धपधप, करिया कुच कुच जइसन अर्थ बोध के उदाहरण दुनिया के कवनो दोसर भासा में नइखे. विशिष्ट वक्ता के रूप में लंगट सिंह कॉलेज, मुज्जफरपुर के भोजपुरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जयकांत सिंह “जय” बतवनी कि ई सेमिनार के माध्यम से हम बतावत चाहेनी कि ” भोजपुरी जबले रोजी रोटी के विषय ना बनी तबले भोजपुरी के आन्दोलन कमजोर रही.” डॉ. महामाया प्रसाद विनोद अपन विचार प्रस्तुत करत कहनी कि भोजपुरी के पढाई प्राथमिक स्तर से लेके कॉलेज के स्तर तक सरकार के करावे के चाहीं. रामलखन सिंह कॉलेज, बेतिया के भोजपुरी के विभागाध्यक्ष प्रो. अरविन्द कुमार वर्मा के विचार रहल कि “भोजपुरी के पढाई से छात्रन के जुड़ाव जरुरी बा.” कार्यशाला के संचालन सुरेश गुप्त कइनी आ बीच बीच में भोजपुरी के कविता के पंक्ति पढ़ पढ़ के श्रोतन के बन्हले रखनी. अकादमी के एगो वरीय सदस्य प्रो. ऍन ऍन तिवारी चंपारण में ऐसन कार्यक्रम से खुश भइनी आ प्रसन्नता व्यक्त करत कहनी कि ऐसन ठंडी में छात्र आ छात्रन के उपस्थिति जादा महत्व के आ प्रशंसनीय बा. भोजपुरी से स्कूल आ कॉलेज के विधार्थियन के ई जुड़ाव देख के मन गद गद हो गइल. भोजपुरी अकादमी के सदस्य गंगा पाण्डेय कहनी कि हमरा लागता कि भोजपुरी के भविष्य सुरक्षित बा काहे कि हमरा ई युवा लोगन के उत्साह देखके लागत बा. उनकर उपस्थिति देख के हम धन धन हो गइनी. हम डॉ. मस्ताना के धन्यवाद देब कि उहाँ के बहुत ऐतिहासिक आ सफल सेमिनार के आयोजन कइले बानी.

अध्यक्षीय भाषण देत डॉ.गुरुचरण सिंह कहनी कि ” भोजपुरी के आठवी अनुसूची में राखे के हम जोरदार समर्थन करत बानी. २६ करोड़ लोगन के ई भासा भारत के अलावा नेपाल, मारीशस, फिजी, गुयाना, सूरीनाम, होलैंड, आदि देशन में बोलल, लिखल आ पढ़ल जाला. उहे अपन देश में सर्वाधिक भासियाँ होखे के बावजूद संविधान के आठवी अनुसूची में जोडला खातिर संघर्ष करे के पड़ता. मारीशस में ई दुसर राज भाषा के दर्जा प्राप्त कर लेले बा. लेकिन घरे में एकर मान्यता नइखे. ई खेद जनक बा. ई अन्याय के खिलाफ एगो सशक्त आन्दोलन के जरुरत बा.” उहाँ के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भोजपुरी के विकास ला उठवल कदम के सराहना कइनी. साथे साथ प्रो. रविकांत दूबे के धन्यवाद देत कहनी कि भोजपुरी अकादमी निकट भविष्य में ढेर कार्यक्रम करवावे जा रहल बिया.”

एकर अलावा स्थानीय साहित्यकार आ हलचल के संपादक चतुर्भुज मिश्र, आ व्रतराज विकल आपन विचार रखल लोग. डेजी उपाध्याय आ ज्ञानेश्वर गुंजन आपन आपन भोजपुरी कविता पाठ कइले. सेमिनार के समापन उर्दू के मशहूर शायर आ भोजपुरी के गज़लकार डॉ.जफ़र इमाम जफ़र कइले. ऊ कहले कि डॉ.मस्ताना जेकर भोजपुरी ओढ़ना बिछावन ह ई सेमिनार के सफल संयोजन कइले बानी. 6 बजे साँझ ले लोग बइठेल रह गइल ई भोजपुरी के ताकत बा. उहाँ के सर्वोदय के बच्चियां के साथ ओह स्कूल के हेड मास्टर देवी लाल के धन्यवाद देनी. विद्याथी, सभा के सुधि स्रोत, दूर देहात आ सहर के हर कोना से आइल लोगन के आभार व्यक्त कइनी. भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष प्रो. रविकांत दुबे के तरफ से भोजपुरी जिंदगी के संपादक के मिर्जा खोंच पर केन्द्रित पत्रिका खातिर धन्यवाद देनी.

अब देखे के बा कि आगाज एतना बढ़िया बा त अंजाम केतना बढ़िया होई ……. जय भोजपुरी माई के


(रिपोर्ट : संतोष पटेल , संपादक ” भोजपुरी जिंदगी”)

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(1)


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(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
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(7)
19 नवम्बर 2023
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(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
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पूरा सूची


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