आरा के पद्मश्री डॉ भरत मिश्रा जनम से नेत्रहीन रहले बाकिर अपना अपने अंतर्मन के ज्योति से अतना आलोकित भइले कि राजनीति विज्ञान के विश्वविद्यालय प्रोफेसर बनले आ दर्जनों किताब लिख डललें. भारत सरकार उनुका के पद्मश्री से सम्मानित कइले रहुवे. ओही डा॰ भरत मिश्रा के इयाद में पिछला दिने “भोजपुर जिला हिंदी साहित्य सम्मलेन” ५ फरवरी के पद्मश्री डॉ भरत मिश्रा स्मृति समारोह के आयोजन कइलसि.
एह ” स्मृति संध्या” के उदघाटन बिहार भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि कान्त दुबे कइले. समारोह में प्रोफेसर श्याम मोहन अस्थाना, उर्मिला कौल, डॉ के. बी. सहाय, डॉ नन्द जी दुबे, डॉ उमा शंकर पाण्डेय, प्रोफेसर दिवाकर, ममता मिश्रा, सत्येन्द्र उपाध्याय, भास्कर मिश्रा समेत अनेके विद्वान लोत आपन विचार बतावल.
एह मौका पर बोलत बिहार भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि कान्त दुबे कहलन कि भोजपुरी अकादमी पद्मश्री डॉ भारत मिश्रा के नाम पर हर साल एगो पुरस्कार दिहल करी.
aapan log ke yha pryas sarahniya ba.aisan-aisan aur bhi bahutey ratna ba hamar boli main.unka ke khoj ke taras ke samaney labey ke jo bira anjoriya uttaeley ba iee jajba ke aagey hum natmastak ho jat bani.bahut bahut shubhkamana.