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भोजपुरी का नाँवे रहल दिल्ली के एक साँझ

by | Jul 19, 2010 | 0 comments

१७ जुलाई के साँझ दिल्ली में जयभोजपुरी डॉटकॉम साइट के सदस्य आपन साइट के पहिलका वर्षगाँठ मनावे जुटलें त सभकर हियाव जुड़ा गइल, आँख भर आइल. अपना नेट के दोस्तन के अपना सामने देख के होखे वाला खुशी के अन्दाज उहे कर सकेला जे एह अनुभूति के भोगले होखे.

भोजपुरी के सबसे बड़ सोशल साइट जयभोजपुरी डॉटकॉम के सदस्य नयी दिल्ली के राजेन्द्र भवन में अपना साइट के पहिलका स्थापना दिवस मनावे जुटल रहलें. हर केहू उत्साह से लबरेज रहे. भोजपुरी टीवी चैनल के चेयरमैन अशोक गु्प्त, भोजपुरी के सबसे लोकप्रिय साइट भोजपुरिया डॉटकॉम के संचालक सुधीर कुमार आ भोजपुरी समाज के कुछ प्रतिष्ठित लोग के उपस्थिति माहौल के अउरी पोढ़ बना दिहले रहे.

परिचर्चा का दौरान सभे सदस्य खास कर के अनूप श्रीवास्तव, शशिरंजन मिश्र वगैरह वरिष्ठ सदस्य भोजपुरी के ओकर हक के सम्मान दिआवे का बारे में बात कइलें. राय इहे रहे क जबले हमनी के नवका पीढ़ी भोजपुरी में बतियावल ना शुरु करी तबले भोजपुरी के विकास के बात बेमानी बा. जब हमनिये का एकरा के बोले में शरमाएम त दोसर काहे इज्जत दी. एहसे भोजपुरियन के चाहीं कि जबो अपना में मिलस त भोजपुरिये में बात करसु. सभका के इहे संदेश दिहल गइल कि अपना संस्कृति के बचावलो राखे के बा आ आधुनिकता से परहेजो नइखे करे के.

सभागार में ताली का गड़गड़ाहट का बीचे पहिलका स्थापना दिवस के केक भानुश्री आ पंकज प्रवीण मिल के कटलें. एह कार्यक्रम के सबसे खास बाति ई रहल कि एहिजा भोजपुरी के आठवीं अनुसूची में शामिल करे वाला रोवल धोवल ना भइल. कहल गइल कि जहिया भोजपुरियन में एका हो जाई तहिया कवनो सरकार रहे ओकरा मजबूरन भोजपुरी के ओकर हक देबही के पड़ी. एहसे पहिले भोजपुरी के मजबूत करे के जरुरत बा.

एगो अउरी विषय पर चरचा भइल कि इंटरनेट पर भोजपुरी के दखल कतना बरियार बा. वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद कुमार तिवारी आ शशि रंजन मिश्रा समेत कई वक्ता एह विषय पर बात कइलें. आजु का जमाना में इंटरनेत एगो विश्वव्यापी मंच के रुप अख्तियार कर लिहले बा आ भोजपुरिया डॉटकॉम वगैरह वेबसाइट भोजपुरी के सबल पहचान दिआवे में लागल बाड़े.

कार्यक्रम के समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम से भइल जवना में भानुश्री के गावल गीत “पढ़ीह लिखीह कवनो भाषा, बतिअइह भोजपुरी में” सुन के माहौल में समा बन्हा गइल. विमलेश तिवारी पंडित महेन्द्र मिसिर के लिखल गीत “पटना से बैदा बोलाई द” गा के सभका के गदगदा दिहलन. शशिसागर मनोज तिवारी के गावल कुछ गीत गा के सभका के झूमा दिहलन. अंत में पंकज प्रवीण अपना म्यूजिक अलबम “चाहत में सनम” के कुछ गीत सुना के भरपूर ताली बिटोरलन.

कार्यक्रम के अध्यक्षता सत्येन्द्र कुमार उपाध्याय आ संयोजन मोंटू सिंह के रहुवे.

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