हाल में समापन भइल संसद के शीतकालीन सत्र में बियफे का दिने भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भोजपुरी के संविधान के आठवीं अनुसूची में जल्दी से शामिल करे के माँग उठवलें. आपन बाति कहत घरी शत्रुघ्न सिन्हा हालांकि एह गंभीर माँग के लालू का साथे जोड़ के मजाक के विषय बना दिहलन. कहलन कि लालू के राष्ट्रीय व्यक्तित्व घोषित कर दिहल जाव. एह बात पर सदन में ठहाका त गूंजल बाकिर भोजपुरी के बात मीडिया में ओह तरे ना आ पावल जइसे आवल चाहत रहे. मीडिया के ध्यान लालू वाला हिस्सा पर अधिका गइल आ भोजपुरी के बाति पर कम.
शत्रुघ्न सिन्हा कहलन कि भोजपुरी दुनिया भर में लोकप्रिय भाषा हियऽ आ एकरा बोलेवालन में देश के पंहिलका राष्ट्रपति डा॰ राजेन्द्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण, बाबू जगजीवन राम आ मारीशस के राष्ट्रपिता सर शिवसागर रामगुलाम शामिल रहलें.
एह बाति के जतना रेघरियावल जाव ऊ कम रही कि शत्रुघ्न सिंन्हा मुद्दा त बढ़िया उठवलन बाकिर ओकरा के लालू से जोड़ के लबारी में बदलि दिहलन. मीडियो के नजर एह छिछले बाति पर पड़ल आ असल मुद्दा के अनदेखी हो गइल. हद त तब हो गइल जब शत्रुघ्न सिन्हा कहलन कि भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता आ लालू के राष्ट्रीय व्यक्तित्व घोषित करे के काम साथे साथ कइल जाव !
हमरा बुझात नइखे कि एह काम खातिर शत्रुघ्न सिंहा के बधाई दीं कि उनुकर आलोचना करीं. रउरो सोचीं का कहल जाव ?
हमरा ई नइखे बुझात कि इनका ए बात के साथे लालू के काम का रहे ? मदारी मदारिए रही का ?