सुजीत कपूर आई.ए.एस. बनल चाहत रहलें बाकिर उनका पिता के चाह रहे कि ऊ सिनेमा में काम करसु आ उनकर सपना पुरावस. सुजीत के पिता खुद अभिनेता बने के सपना देखले रहलें. राजश्री प्रोडक्शन के एगो फिलिम ला चुनइला का बादो ऊ पारिवारिक मजबूरियन से फिलिम ना कर पवलें. सुजीत कुमार एही उभचुभ में रहलें कि आपन सपना पुरावसु कि पिता के. संजोग से जौनपुर में मनोज तिवारी के फिलिम के शूटिंग देखलें त फैसला कर लिहले कि फिलिमे करे के बा. अब सुजीत भोजपुरी फिल्म ‘‘आखिर कब जागोगे’’ के जरिये बतौर हीरो अपना कैरियर के शुरुआत करत बाड़ें. एह फिल्म के निर्माता डा.आर.के. निषाद आ निर्देशक अनिल लहरी हउवें. अक्टूबर में रिलीज होखे वाली एह फिलिम का बारेमें बतियावत सुजीत कहलें कि –
‘आखिर कब जागोगे’ में सुजीत कुमार सिधवा परिवार के नवही के भूमिका में बाड़ें. ओह परिवार का साथे कुछ अइसन हादसा होखत बा कि ऊ तब समाज में पसरल भठियरपन का खिलाफ जंग छेड़ देत बा. एह फिलिम खातिर सुजीत के चयन निर्माता डा. आर.के. निषाद अपना नाटक ‘‘ठाकुर का कुंआ’’ में सफल अभिनय कइला पर कइलन. ओह समय सुजीत जौनपुर में स्नातक के पढ़ाई करत रहलें. पढ़ाई पूरा कर के दिल्ली में एनएसडी ज्वाइन कइलें जहवाँ अनेके नाटक में काम कइलन. एही दौरान ऊ “ठाकुर के कुँआ” में अभिनय प्रतियोगिता में शामिल भइल रहलें. जौनपुर के रहे वाला सुजीत के खून में भोजपुरी बिया से ऊ भोजपुरिए फिलिम से शुरूआतो करत बाड़ें.
सुजीत बतवलें कि दू गो अउरी फिलिमन में काम करत बाड़ें जवना के शूटिंग एह फिलिम के रिलीज होखला का बाद शुरू होखी.
(समरजीत)