नबाबन के नबाब हउवें शाहिद सम्स जे अपना कड़ा मेहनत आ लगन से आपन अलगे पहचान बना लिहले बाड़न. बिहार के गोपालगंज जिला के गवंदरी गाँव के रहे वाला शाहिद सम्स के शुरूआती पढ़ाई दिल्ली में कइला का बाद मुज्जफरपुर से डॉक्टरी क पढ़ाई कइळन. नाटक में रूची रहला का चलते थियेटर से जुड़के दर्जन भर से बेसी नाटकन में काम कइलन. गायन में रूचि रहला का चलते टी.सीरीज अउर वेभ कंपनी के सैकड़ों एलबमन में गा चुकल शाहिद सम्स के पहिलका फिल्म रहल ‘‘गंगा किनारे प्यार पुकारे’’ जवना के नायिका रहली गायिका देवी. दुसरकी फिल्म ‘‘पिया के घर प्यारा लगे’’, तिसरकी खेसारीलाल यादव संगे ‘हवा में उड़ता जाए लाल दुपट्टा मल मल का’, चउथका फिल्म रहल हिन्दी में ‘‘फेकबुक का मर्डर मिस्ट्री’’ आ अब पँचवा फिल्म गीतकार-निर्माता विनय बिहारी के “प्यार मुहब्बत जिंदाबाद” हवे.
बचपन से नबाबन का बीच रहल शाहिद के भोजपुरी फिल्म जगत में ढेर लोग नबाबे कहि के बोलावेला. शाहिद के आदर्श हउवे विनय बिहारी आ गुरू मानेलें दीप मुहम्मदाबादी के.
(संजय भूषण पटियाला के रपट)
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