महुआ चैनल पर प्रसारित “सुर संग्राम” के पुरस्कार जीते वाली प्रियंका सिंह गोपाल गंज के हई. आत्म विश्वास से ओत प्रोत प्रियंका सिंह आज नाम के मोहताज नइखी आ आपन बढ़िया पहिचान बनावे आ सुने देखेवालन के दिल जीते में लागल बाड़ी प्रियंका. अपना एलबम, फिलिम आ स्टेज प्रोग्राम से प्रियंका सिंह मुंबई में रहिके आपन मुकाम बनावत बाड़ी. बहुते फिलिमन में इनकर गावल गीत शामिल बा जवना में संतान, डर, बदला, एक लैला तीन छैला, गरदा, कसम बा तोहरा प्यार के, दूलहिन, गाड़ब झंडा मोहब्बत के वगैरह आ भहुतेर एलबमो शामिल बाड़ी सँ.
कलाकार स्वाभिमानी होला आ प्रियंको सिंह हई. गँवे गँवे मुंबई के फिल्मी नगरी में आपन पहिचान बनाईए लिहले बाड़ी, हर संगीतकार, गीतकार, गायक निर्माता-निर्देशक के चहेती गायिका प्रियंका सिंह व्यवहारिक रूप से सामाजिक अउर मिलनसार हई. कहेली कि महूआ चैनल से नाम त मिलल, बाकिर मुंबई फिल्मी नगरी में हर दिने संघर्ष बा. बिना कवनो सहारा सहयोग के एगो लड़की ला कतना मुश्किल बा आपन जगह बनावल बाकिर भगवान चहीहें त सब ठीके हो जाई.
अपना बाप महतारी के इकलौती बेटी प्रियंका पर पूरा परिवार के गर्व बा. ऊ जानेले कि प्रियंका बढ़िया करत बाड़ी. प्रियंका सिंह के सपना बा नामी गायिका बन के गाँव घर समाज क नाम रौशन कइल. रोज समय निकाल के संगीत अभ्यास करत रहेली. संगीत त इनका रोम-रोम में बसल बा, भरोसा बा कि एक ना एक दिन माँ सरस्वती इनकर सुनीहें. प्रियंका सिंह खुद अपना हिसाब से संघर्ष करत बाड़ी. केहू बोलावेला त समय पर पहुँचेली. अपना काम के महत्व देली. मुंबई में पइसो चाहेला बाकिर पइसा इनकर जिद ना होखे. जवने बा तवनें में काम चलावे क बा. प्रियंका ला सभे आपने ह. जे काम देला ओकरो इज्जत करेली जे ना देला ओकरो.
प्रियंका सिंह लोकगीत के एगो सोलो एलबम करत बाड़ी जवना के काम फरवरी में शुरू होखे वाला बा.
(संजय भूषण पटियाला)
0 Comments