पिछला शुक के रिलीज फिल्म गठबन्धन प्यार के के देखे खातिर औरतन के झुण्ड सिनेमा हाल पर जुट रहल बा आ एहसे खुश निर्मा्त्री मोनिका सिन्हा कहत बाड़ी कि उनुका त अन्दाजे ना रहे कि लोग एह फिल्म के अतना पसन्द करी. बाकिर इहो साबित हो गइल कि कवनो फिल्म के सफलता खातिर जरुरी नइखे कि ओहमें अश्लीलता परोसल जाव. साफ सुथरा पारिवारिक फिल्मो ओतने सफल हो सकेले अगर फिल्म ढंग से बनावल गइल होखे. कहली कि पहिले मध्यवर्ग के परिवार भोजपुरी सिनेमा देखे में हिचकिचात रहलें बाकिर एह फिल्म से ओह लोग के सोच बदल गइल बा. कहली कि अब आगहू अइसने फिल्म बनावल करीहें.
गठबन्धन प्यार के फिल्म के कहानी शुरु होखत बा जब बीए फाइनल के परीक्षा केन्द्र शहर में पड़ जात बा आ निर्मला के बाबूजी अपना बेटी के एपना दोस्त मुखिया प्रभुनाथ का घरे छोड़ जात बाड़े. परीक्षा केन्द्र ले जाये आ ले आवे का दौरान मुखिया के बेटा राम आ निर्मला में करीबी पनप जात बा. बाकिर जब ले ई कहानी परवान चढ़ित तबले इम्तहान खतम हो जात बा आ निर्मला अपना घरे लवटि जात बाड़ी.
एह कहानी के समानान्तर राम के छोट भाई लखन आ निर्मला के बहिन जूली जे एके कालेज में पढ़े ले का बीच चले वाला नोकझोक धीरे धीरे प्यार में बदल जात बा. संजोग से राम के शादी निर्मले से तय हो जात बा आ एक दिन घर में उत्सव होखत घरी राम के पता चलत बा कि लखन आ जूली ओ एक दोसरा से प्यार करेलें. ऊ वादा करत बा कि दुनु के गठबन्धन करा के रही. बाकिर अइसनका होखित ओकरा पहिलही राम अपान पुरान दुश्मन बिरजू का जाल में अझूरा जात बा.
कहानी के अन्त का होखत बा, कइसे होखत बा एकरा खातिर त रउरा फिल्म देखे के पड़ी. एहिजा एहसे बेसी नइखे बतलावत जा सकत. फिल्म के मुख्य कलाकारन में पवन सिंह, छोटू छलिया, रिंकू घोष वगैरह बाड़े. कहानी आ निर्देशन विष्णु शंकर वेलू के ह. संगीत पप्पू श्रीवास्तव के ह.
स्रोत रंजन सिन्हा