जब निर्मते बहेंगवा हो जाई त दर्शक त अपना के अन्हारे में पइहें – कृष्णेश्वर शर्मा

by | Jan 26, 2013 | 0 comments

khoichha-producer-krishneshwar-sharmaएल. के. प्रोडक्शन के बैनर तले बनल फिलिम ’खोईछा’ के निर्माता कृष्णेश्वर शर्मा रिटायर्ड शिक्षाविद् हउवें आ इनका शुरूए से गीत-संगीत से लगाव रहल बा. एही लगाव का चलते शर्मा जी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कूद पड़ले आ ’खोईछा’ जइसन भोजपुरी माटी से लबरेज फिलिम बना डललन. एह फिलिम के चर्चा भोजपुरी सिने जगत में चारो ओर हो रहल बा. एहिजा उनका से भइल बातचीत के कुछ अंश दिहल जात बा.

प्रः शर्मा जी, का सोच के रउरा अपना फिलिम के टाइटल ’खोईछा’ रखनी?
उः खोईछा एगो सगुन ह जवना के सदियन से भारतीय समाज अपना बेटी बहु के बिदाई के बेरा देत आइल बा. भोजपुरी समाज में एकर खास महत्व बा. आजु आधुनिकता में एकर अनदेखी होखे लागल बा आ एही चलते सोचनी कि देखावल जाव खोईंछा के लाभ-हानि.

प्रः आज जब भोजपुरी सिनेमा अपना संक्रमण काल से गुजरत बा तब एह तरह के सामाजिक पारिवारिक फिलिम बनावल रिस्क ना बुझाइल का?
उः फिलिम परिवार आ समाज के धारा मोड़ देबे वाला सशक्त माध्यम ह. बाकिर जब निर्मते बहेंगवा हो जइहें त दर्शक त अपना के अन्हारे में पइहें. ओह लोग के रोशनी के जरूरत बा. आ ई रोशनी देखावल निर्माता लोग के कर्तव्य बनत बा. इहे सोच के खोईंछा बनावत हमरा रिस्क ना बुझाइल.

प्रः रउरा का उमेद बा कि ई फिलिम दर्शकन के सिनेमा हाल ले खींच ले आई?
उः ’खोईछा’ नारी के सिंगार ह, नइहर-ससुराल में दिहल जाएवाला अनुपम उपहार ह. जवन बहू-बेटी के सुख समृद्धि के द्योतक ह. एह खोंईछा क चलते सशक्त सिनेमा के टूटल मुख्य कड़ी औरत खुद बखुद सिनेमा घरन ले खींचात चलि अइहें. भोजपुरी के दर्शको अपना परम्परा आ संस्कृति से जुड़ल बात देखे आ सुने के लालसा राखेलें. एहसे हमरा त उमेद बा कि दर्शक जरूरे जुटीहें आ भरपूर जुटीहें.

प्र: एह बात के चर्चा खूबे बा कि आपके पत्नी ललितो शर्मा जी के एह फिलिम बनावे में बड़हन योगदान बा. का ई साँच बा?
उः हँ. कवनो पत्नी जब अपना पति के काम में सकारात्मक भूमिका अदा करेले त ऊ काम दुगुना रफ्तार से आगे बढ़ेला. ललोता जी हमरा के कदम-कदम पर साथ दिहली आ हमार उत्साह बढ़वली. संगही जितेन्द्र कुमार सुमन के विशेष पहल आ उनुकरो योगदान भुलावल ना जा सके.

प्र: आखिरी सवाल. आगे के योजना का बा?
उ: हमरा ला पइसो से अधिका कीमती बा अपना संस्कृति के रक्षा. फिलिम एकर सशक्त माध्यम हो सकेला. हमार योजना एह भरम के मेटावे के बा कि भोजपुरी फिलिम परिवार संगे देखे लायक ना होले. हम चाहब कि पति-पत्नि अपना लड़िकन के हाथ धइले सिनेमा घर के ओर चलसु आ सपरिवार भोजपुरी सिनेमा के आनंद लेसु.


(संजय भूषण पटियाला)

Loading

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up