भोजपुरी के जानल मानल लोकप्रिय गायिका सीमा तिवारी भारतीय सांस्कृतिक एवं सम्बन्ध परिषद का ओर से पिछला दिने ७ फ़रवरी से १८ फ़रवरी तक अपना पुरा ग्रुप का साथे यूरोप का दौरा पर गइल रही. एह कार्यक्रम का दौरान सीमा तिवारी भोजपुरी लोकगायकी के अलग अलग शैली, जइसे कि सोहर, झूमर, सहाना, जेवनार, कजरी, कटनी, रोपनी, विदेशिया, होली, चैती आदि में, आपन गायकी सुनवली. यूरोप में खास कर के सोहर अउर विदेसिया गीतन के बहुते सराहल गइल त जर्मनी में भगवान कृष्ण पर आधारित जेवनार गीत “कृष्ण मुरारी चलेले ससुरारी…..” पर लोग मंत्र मुग्ध भइल. ओहिजे नीदरलैंड आ पोलैंड में होली गीत “नकबेसर कागा ले भागा….” आ “नइहरे में कइल पानी पानी ए राजा जी” पर लोग जमके ठुमका लगावल आ रंग गुलाल से होली मनावल. पोलैंड में पहिला बेर भोजपुरी के कवनो कार्यक्रम देखके पोलैंड वासी भारतीय अउर भोजपुरी संस्कृति से परिचित भइले आ भारतीय वाद्य यंत्र पर खूब ताली बजवले. सीमा तिवारी के कार्यक्रम के हर जगह खूब सराहना मिलल. लोकगायिका सीमा तिवारी भोजपुरी भाषा से अश्लीलता मिटावे आ भाषा के बढ़न्ती खातिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लागल बाड़ी आ अपना प्रयासन के मिल रहल सफलता देख के खुशो बाड़ी.


(स्रोत : लाल बिहारी लाल)

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2 thoughts on “भोजपुरी के महक यूरोप में”
  1. Bahut Sundar Bahut Sundar Rauaa mati ke chij sahej ke rakhale bani ekra khatir Dhanyabad.Aur europe yatra khatir Hardik Shubhkamana

कुछ त कहीं......

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