पिछला पखवारे राजनीतिक हिसाब से बहुते हंगामेदार रहल. एह बीच कुछ लोग माल सरका के सरकार से सरकि लिहले त कुछ लोग अपना सरकावे का काबिलियत का चलते सरकार में घुसे के हिसाब किताब लगावे में लागल रहले. अलग बाति बा कि उनकर चलल ना. अब सरकल दू तरह के होला. एगो त कवनो ऊँच चीज से सरक के नीचे आइल त दोसरे खात पियत घरी अचके में अगर साँस का नली में कुछ चलि जावो त ओकरो के सरकल कहाले. ई दूसरका सरकल वइसने लागेला जइसे केहू गरदन पर सरकँवासि लगा के खींच दिहले होखे. दुनु में साँस रूके के हालत हो जाले. सरकँवासि गाँठ बान्हे के ओह तरीका के कहल जाले जवना में एगो छोर दोसरा पर सरकत जाले आ कसे खातिर बस एगो के खींचे के पड़ेला. अब कई बेर कुछ लोग एह सरकवाँसि के दोसरो तरीका से इस्तेमाल कर लेले. जइसे कि केहू के अतना ढील दे दिहल कि ऊ अपने में अझूरा जाव आ तब धीरे से एक झटका दे दिहल जाव ओह ढील पर त ऊ अपने चाल में फँस के बेबस हो जाले. अब एह ढील के माथ में पड़े वाला ढील से कवनो सीधा नाता त ना होले बाकिर दुनु ढिलाइये से होला. केहू के ढील दिहला के मतलबे होला ओकरा के गहिरा खाई का तरफ जाये दिहल. ढील पाके शायदे केहू सुधरल होखे. अकसर बड़का घर के लड़िका एही ढील का चलते अतना बिगड़ जाले कि घर परिवार के ढाल कवनो कामे ना आ पावे आ ऊ ढलवाँ राह पर ढलकत चलि जाले. हँ त एह ढलकल आ ढरकल में अंतर होले. अपने से गिरीं त ढलकल दोसर केहू गिरा देव त ढरकल. जब कवनो चीज भा आदमी अपने से नीचे सरकत जाव त ऊ ढरकत होला. बाकिर जब दोसर केहू कवनो चीज बतुस के नीचे गिरावे त ओकरा के ढरकावल कहल जाले. बतुस पर याद आइल कि ह त ई वस्तु के बिगड़ल रुप बाकिर अगर सुधार दीं त भोजपुरी लायक ना रहि जाई. भोजपुरी में बतुसे ठीक लागेला. बाति दोहरवला जइसन लागी बाकिर जानल जरुरी बा कि हर भाषा के आपन सुभाव होला आ ओकर शब्द ओकरा सुभावे माफिक होखे के चाहीं. अब आजु माफी दीहीं सभे. बाकी फेर अगिला हफ्ता.
0 Comments