अपना आँख के फूला ना लउके बाकिर दोसरा का आँखि के माढ़ा जरूर लउक जाला. कहे के मतलब कि आदमी आपन गलती, आपन कमी ना देखे आ दोसरा के दोस पर हमेशा तेज नजर राखेला. आजु के चुनावी मौसम में होखतो अइसने बा. सभे एह फिराक में बा कि कइसे सामने वाला के मामर हेठ कइल जाव, कइसे ओकरा पर अछरंग लगावल जाव कि उ दाग छोड़ावे में लाग जाव आ हमार काम बन जाव. अब एह आपन आ अपना के बात करत दू गो शब्द धेयान में आ गइल. अपने आ अपने. अब ई मत कहीं कि दुनु त एकही शब्द ह अपने आ अपने मे फरक का बा. अब एह बात प आपा गँवइला के कवनो फायदा नइखे. काहे कि आपा आ आपा के मतलब अलग अलग होला. एगो आपा मतलब अपना पर काबू आ दोसरका आपा बहिन के कहल जाला. ठीक बा दोसरका आपा भोजपुरी के शब्द ना ह बाकिर आम बोलचाल में त सुने के मिलिए सकेला. एही तरह अपने आ अपने का बारे में बा. एगो अपने हिंदी में बोलाला लिखाला दोसरका भोजपुरी में. दुनु के मतलब में सबले खास बाति ई मिली कि हिन्दी के अपने अपना से जुड़ल लोग, सामान, विचार, कहना वगैरह का बारे में कहल जाला अपना बारे में ना. अपने लोग, अपने मित्रो संबंधियों के साथ, अपने कथन के बारे में वगैरह वगैरह. एहिजा अपने के मतलब होला अपना भा अपनी. जबकि भोजपुरी वाला अपने अपना से जुड़ल लोग का बारे मं ना खुद का बारे में कहल जाला. ई खुद कहे वाला हो सकेला भा सुने वाला. जइसे कि अपने त कहनी कि ओहिजा जाए के बा अब काहे मुकरत बानी. हम त अपने आपन गलती सकार लिहनी. धेयान से सुनी त दुनु के अंतर साफ हो जाई. भोजपुरी में आप के इस्तेमाल हिंदी का प्रभाव चलते होखेला ना त एहिजा एह ला अलगे शब्द मौजूद बा, रउआ भा रउरा. भोजपुरी चूंकि अबही ले लिखन्त में ओतना नइखे आइल जतना बोलन्त में से अलग अलग जगहा के भोजपुरिहा अलगा अलगा तरीका से एके बतिया के कहेले. जइसे कि बा, बावे, बाटे, बड़ुवे. कहाँ जाए के बा, कहाँ जाए के बाटे भा कहाँ जाए के बावे आ कहा जाए के बड़ुवे. अब एहमें से रउरा अपना सुविधा से जवना के चुन लीं. सही सब होखी. अलग बात बा कि समय के प्रवाह में कवनो एक इस्तेमाल अधिका होखे लागी. अइसही बानी, बाड़ी, बड़ुईं का बारे में कहल जा सकेला. एक तरह से देखीं भोजपुरी के आपन हिंदी में अपना हो जाला आ राउर आपका. एह चुनाव में आप राजनीति के गोल बन गइल. आ एही पर एगो घटना याद पड़त बा. अक्सरहां देखत होखब कि एक आदमी के फुआ गाँव भर के फुआ हो जाली, मामा पूरा गोल के मामा हो जालें. अइसहीं एगो लॉज में एगो लड़िका रहत रहे. पता ना केकर पाहुन रहे बाकिर सभे ओकरा के पाहुने के नाम से जानत रहे. एक दिन उ लड़िका बगल के एगो लइकी के भगा ले गइल. ओकर महतारी थाना नें केस लिखवावे गइली त कहली कि पाहुन उनुका लड़िकी के भगा ले गइल बा. थानेदार आ सिपाही सभे मजाक करे लागल. अरे पाहुने नू ले गइल ? बड़ा मुश्किल से समुझा पवलसि उ औरत के ओकर पाहुन ना पाहुन के नाम से जानल जाए वाला एगो लड़िका भगा ले गइल बा. अब एगो राजनीतिक गोल के नाम बड़ा चाल्हाकी से आप रखा गइल बा. अब हम आप के का बताईं कि एह आप से आप के कतना नुकसान होखे वाला बा. आप मतलब आप से नइखे आप से बा. अब आप के होखे वाला नुकसान के भरपाई के करी कइसे करी ई आपसे में सोच समुझ लेबे के बा.

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By Editor

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