मिले मियाँ के माँड़ ना, बिरयानी के फरमाइश! (बतकुच्चन 163)

by | Jul 31, 2014 | 0 comments

admin
मिले मियाँ के माँड़ ना, बिरयानी के फरमाइश!

आजु रेल बजट सुनत घरी कुछ कुछ अइसने लागल. अब सही भा गलत एकर फैसला त रउरे सभे कर पाएब बाकिर हमरा लागल कि कहीं ना कहीं अच्छा दिन देखत लोग के सपना टूटल बा.

अब एकरा के सरकार के हियावे कहल जाई जे एह तरह के एगो अउर सपना ले के सामने आइल बिया. रेल भारत के आत्मा हवे. रेल के साधारण डिब्बा में कुछ दूर के सफर कर लीं त देश के बहुते समस्यन के अंदाजा लाग जाई बाकिर कबो कवनो रेल मंत्री एह डिब्बन में सफर कइले होखी से कबो सुने के ना मिलल. नेतागिरी करे से पहिले हो सकेला कि कुछ मंत्री अइसन यात्रा कइले होखसु बाकिर सत्ता के महल में घुसला का बाद आदमी एह तरह के यादन के अपना दिमाग से मेटा देला. याद ना करे के चाहे कि कबो उहो दिन रहुवे. आम आदमी के चाहीं एगो सहज सुविधा जेहसे कि उ अपना घर आ कमाई वाला जगहन का बीच समय समय पर आ जा सके. उ ढेर के हिरसा ना करे. आम आदमी हिरसाह होखबो ना करेला. भीड़ भाड़ का बीचो उ हिरकल रहेला. एसी में चले वाला लोगन से ओकरा कवनो हीसको ना होला. आम आदमी त बस इहे हिकमति निकाले का फेर में होला कि केहू तरह डिब्बा में धसरे के जगह मिल जाव त फेर कवनो ना कवनो तरह सँसर के अपना ला जगहा बनाइए ली.

आम आदमी त ओह सूरदास जइसन होला जेकरा तब ले पता ना चले कि खाना में घीव पड़ गइल जब ले उ ओकर कड़कड़ाहट ना सुन लेव. ए सूरदास घीव पड़ल ? कड़कड़ाव तब नू जानी वाला कहाउत एही बदे कहल गइल बा. रेल मंत्री के भाषण में आम आदमी खातिर बहुते कुछ हो सकेला बाकिर ओकर कड़कड़ाइल ओकरा सुनाइल नइखे. उ त बस इहे सुनलसि कि बुलेट ट्रेन, हाई स्पीड ट्रेन, एसी एक्सप्रेस, प्रीमियर ट्रेन वगैरह. जनसाधारण एक्सप्रेस सुने के मिलल बाकिर सहरसा आ दरभंगा वालन के. छपरा वालन के मँड़ुआडीह डेमू आ हफ्ता में तीन दिन ला लखनऊ एक्सप्रेसे से संतोष करे के पड़ल बा जबकि कोलकातावालन के त एतनो संतोष ना मिल पावल. खैर, बतकुच्चन के एह सब से का लेबे देबे के बा. उ त एही भीड़भाड़ में हियाव, हिरसा, हिरसाह, हिरकल, हीसका, हिकमति वगैरह शब्दन के घुसावे के मौका मिल गइल जइसे पहिले भीड़भरल डिब्बा में लोग खिड़की से घुसत भा घुसावल जात रहुवे. याद बा एक बेर बरौनी जंक्शन पर बड़ी लाइन के ट्रेन से छोटी लाइन के ट्रेन में देखले रहीं कुलियन के जे रूपिया लेके लोग के खिड़की से भीतर धसोर देत रहले सँ. हमहूं आजु मौका पा के एह शब्दन के घुसा दिहनी बतकुच्चन में. चली अब एहन से जानो पहिचान करा दीं. हियाव माने होला हिया के हिम्मत भा साहस. अंगरेजी में एकरा ला सबले नजदीकि शब्द होखी टेमिरिटी. हिरसा माने लालच आ हिरसाह माने लालची. सटि के बइठला के हिरकल कहल जाला. का हिरकल आवत बाड़ एह भीड़ में हमरा लगे? हीसका इरखा ला इस्तेमाल होला. हिकमति तरकीब के कहल जाला.

लागत बा कुछ लोग मने मन कुछ बुदबुदात बा जइसे मानो हिनहिनात होखे. एकरे के हिकरल कहल जाला. आ अब आगे कुछ कहे के हियाव नइखे हमरा में. से चलत बानी.

Loading

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up