– प्रकाश उदय
भउजी माने झगरी
पानी माने मछरी –
ना धइला खतिरा
बूड़ि बूड़ि पोखरा नहइला खतिरा.
मारे-मारे उपटी
भईयो जी के डपटी
छोड़इला खतिरा.
“बाचा बाटे” कहि के छोड़इला खतिरा.
सरदी में हरदी
पियाई जबरजस्ती
दवइया खतिरा
घासो गढ़े जाए ना दी गईया खतिरा.
कमरा प कमरा
ओ प अँकवरवा
जड़इया खतिरा
अपने के गारी दी सतइला खतिरा.
जसहीं टँठाइब
फेरुओ डँटाइब
काथी दो त कब दो ना कइला खतिरा
अवरू ना डेलिए डँटइला खतिरा.
संपर्क सूत्र :
मोबाइल – 09415290286
बहुत खूब।
hamara pas 1 kahani ba agar aap le leti ta achha hoi sir
8298388275
8252620613
प्रिय रीतेश जी,
आपन कहानी रउरा खुशी से भेजीं अगर अँजोरिया पर प्रकाशित करवावल चाहत बानी. अँजोरिया हर भोजपुरी लेखक, कवि, साहित्यकार के रचना के स्वागत करेला. हँ प्रकाशन करे से पहिले कहीं कहीं थोड़ बहुत संशोधन करे के अधिकार संपादक का लगे होला.
राउर,
ओम