pub-4188398704664586

हजार का नोट पर छाप दिहल गाँधी

by | Sep 24, 2011 | 1 comment

– शैलेश मिश्र


हम अन्ना ना
भारत सरकार के समर्थक हईं
करोड़ो का आबादी में
बेबस बेकार हईं
जनम से आजुले
भठियरपन के संरक्षक हईं.

जनम लिहनी त
नर्स मँगलसि चार आना
डाक्टर बर्थ सर्टिफिकेट ला
लिहले फेर चार आना.
स्कूल में नाम लिखाई में
लाग गइल चार आना.
राशन आ मतदाता सूची में
लागत गइल चार आना.

कॉलेज का एडमिशन आ
डिग्री में चार आना
सरकारी नौकरी का
सिफारिश में चार आना
जमीन जायदाद का
कागज पर चार आना
प्रोमोशन आ वेतन
बढ़वला में चार आना.

बैंक के लोन खातिर
दे दिहली चार आना.
ड्राइविंग लाइसेंसो ला
देबे पड़ल चार आना.
बिजली भा फोन खातिर
लागत रहल चार आना
खून क के बरी
होखलो खातिर चार आना.

चुनाव में जीते खातिर
बाँटत रहनी चार आना
लोकसभा सीटो खातिर
देहत गइनी चार आना
जाति बदलावे में लागल
कबो चार आना
निवास सर्टिफिकेटो मिलल
दिहली जब चार आना.
बदल देबेला लोग आपन
धरम लेके चार आना.

लोकपाल बिल पर सरकार
चहलसि चार आना
गड़बड़ घोटाला में
हिसाबो ना मिलल चार आना
मुअलो का बाद लागेला
आफिस में चार आना
सरहद के शहीदन का
कफनो में चार आना.

बत्तीस गो रुपिया से
कमइलऽ जे बेसी
रहबऽ गरीब ना
सरकार कहलसि देसी

एही सब कारण से हम
सरकारे से सटल बानी
अन्ना का टोली से
फरदवला हटल बानी
सरकार से सटल रहब त
मिलत रही चार आना
पाकिट में धेला ना त
का करीहे हजार अन्ना.

ना त हईं चार आना
ना हम अन्ना हईं
हम त लाचार हईं
बेबस बेकार हईं
हजार का नोट पर
छाप दिहल गाँधी हईं.


डैलस, टेक्सास (अमेरिका)
२२ सितम्बर २०११

Loading

1 Comment

  1. amritanshuom

    राउर रचना बड़ी, सुनर- सुकवार बा ,
    भ्रष्टाचार पे करत ई वार बा !
    जुड़ल हर आदमी के एह में सवाल ,
    गरीबी रेखा से सब केहू हो गइल उद्धार !!

    मिसिर जी बहुत बढ़िया रचना बा . पढ़ के मजा आ गइल .

    ओ.पी .अमृतांशु

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Scroll Up pub-4188398704664586