उदय शंकर के दू गो कविता

by | Dec 10, 2022 | 0 comments


(1) नून

इक दिन बहुत हाहाकार मचल
भात, दाल, तरकारी में।
काहे भैया नून रूठल बा
बइठक भइल थारी में।

दाल-तरकारी गुहार लगईलक
नून के बइठ गोरथारी में
तरकारी कहलक सांस छूटता
दाल बा मरे के तइयारी में l

भात कहलक हे नाथों के नाथ
रऊआ बीना इ दुनूं अनाथ
रऊआ जे एकनी में मिल जइति
हमरो जीवन धन्य बनईति l

थरिया कहलक हम रहेम खाली-खाली
भात, दाल, तरकारी जे ना हमरा के सम्भlली
बाज बाज के हम टूट जायेम
रऊआ जे ना एकनी के पाली l

फिर आगी सुन आइल भागल पराइल
चुल्हो चउकी साथे लाइल
नून के लगे जा के
हाथ जोड़ रहे खड़ियाइल

आगी धइलक आपन बात
चुल्हा चउकी आऊर का हमर औकात
चीनी जे देइओ देता साथ
ना जलेम तबो हम दिन रात

फिर सब मिल, नून के बड़ाई कइलक
नून के खूब जयकार लगइलक
इ देख नून मस्त भइल
सब में मिल के ब्यस्थ ब्यस्थ भईल l

(2) दरद
बहुत डेरावन भयानक रात
देखनी हइ जब ओके आज
अस्पताल के एगो कोना मे
चीखत रहे लेके धीरे-धीरे साँस।

दरद पीड़ा के रहे समुंदर
हर पल उठत ओकरा अंदर
देख के ओके जी घबराये
का होई ना समझ मे आये।

डाकटर के उहवा रहे एगो टोली
जूझत रहे सब कोशिश से अउर देके गोली
मगर ओके रहे स्थिति एतना खराब
लेत रहे उ गिन-गिन के साँस।

डाकटरो सभ नाकाम भइल
सुबह से लेके साँझ भइल
सबसे नाता, रिश्ता अउर छुटल साथ
जाने कहवा उड़ के गइल जान।

गेट पे दूगो लइका रहे खरियाइल
छर छर रोये अउर रहे छिछियाइल
पापा पापा कह खूबे चिल्लाइल
कहवा बाने भगवान समझ मे ना आइल।

माई पे बितत रहे सढ़साती
धीरे धीरे शांति ला ठोकत रहे छाती
मगर का करे ना दरद रोकाइल
घब से उहँवा मुहकुड़िया ढिमलाइल।

– उदय शंकर “प्रसाद”
पूर्व सहायक प्रोफेसर (फ्रेंच विभाग),
हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस, तमिलनाडु

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सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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