चलs ना फेर से भाई बनल जाओ भाई

by | Oct 11, 2016 | 2 comments

– लव कान्त सिंह

दरद हिया के छुपा रहल बानी

लोर पोंछ के मुस्का रहल बानी.

कांट के बगिया में हमके फेंकल केहू
बनके फूल ओजा भी फुला रहल बानी.

गरहा खोनले रहस कि गिरी ओमे ई
उनहीं के गरहा से बचा रहल बानी.

चलs ना फेर से भाई बनल जाओ भाई
इहे पाठ उनका के पढ़ा रहल बानी.

जात-धर्म के नाम पर जिनकर बा बेपार
ओह बेपार में घाटा बढ़ा रहल बानी.

घाव लमहर भइल बा देस के पीठ पर

लव” मलहम ओहपर चढ़ा रहल बानी.

lav-singh

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2 Comments

  1. गुरूजी

    हमहू के भाई बनल ए भाई

  2. amritanshuom

    बहुत नीक……

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यूपीआई पहचान हवे -
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सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
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पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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