– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
माटी के थाती छोड़ी जब से पराइल बा,
नीमन बबुआ तभिए से भकुआइल बा ॥
जिनगी के अहार न विचार परसार
टुटल घर आ दुआर बहत दुखे के बेयार ।
सोगहग नहीं कुछो कुल्हिए पिसाइल बा ॥ नीमन बबुआ…..
हसी ठठा गइल भूल, शूल हियरा मझार
मिटल जाता समूल नाही लउकत उजियार
तन मन धन तीनों कब से छितिराइल बा ॥ नीमन बबुआ….
गाल बस बजावत एनी ओनी समुझावत
थपरी के साथ मे डफलियों न पावत
गीत आ संगीत बिनु गवइयो खिसियाइल बा ॥ नीमन बबुआ……
लिखी बोली आपन भाषा इहे सबही के आशा
मिली जुली सगरी जाने आवा एकरो के तराशा
रउवा नेह बिनु भोजपुरी पिछुआइल बा ॥ नीमन बबुआ….
संक्षिप्त परिचय :
जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
इंजीनियरिंग स्नातक. कम्प्यूटर व्यापार मे सेवा खाति तत्पर रहला का साथही हिन्दी आ भोजपुरी लेखन मे संलग्न. भोजपुरी पंचायत पत्रिका, मैना (भोजपुरी साहित्य की उड़ान), वर्तमान अंकुर हिन्दी दैनिक, दी न्यू एज रिपोर्टर (हिन्दी साप्ताहिक), ड्रीम लाइन एक्सप्रेस (हिन्दी साप्ताहिक) जइसन पत्र पत्रिकन में लगातारे प्रकाशित होखेले. भोजपुरी पंचायत पत्रिका के वेव टीम में ‘मैनेजिग एडिटर’.
संपर्क सूत्र:
सी-39 ,सेक्टर – 3
चिरंजीव विहार , गाजियावाद (उ. प्र.)
फोन : 9999614657
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