बियफे, 6 अगस्त, जंतर मंतर, नई दिल्ली. धरना प्रदर्शन क पेटेन्ट जगह.
‘वन रैंक वन पेंशन’ पर जुटल जुझारू फौजी भाइयन का धरना-शिविर का सटले, सोझहीं हमनियो का “भोजपुरी भाषा के आठवीं अनुसूची में शामिल करे खातिर” एक दिनी धरना प्रदर्शन करे गइल रहुवीं जा. ऊ बेचारा कई दिन से बेथकले आपन आवाज बुलंद कर रहल बाड़न सs. ओह भाइयन के लाउड स्पीकर गर्दा उड़ियवले रहुवे. संख्या बल आ बेंवत में त पुछही के नइखे. कबो कबो त हमनी का मंच से दियाये वाला भासनो उन्हन का आवाज में दबि जात रहुवे.
भोजपुरी जनजागरन अभियान, पूर्वांचल एकता मंच दिल्ली, बीर कुँवर सिंह फाउन्डेशन दिल्ली आदि का सजोजन में कुछ भोजपुरी साहित्यकार आ पत्रकारो लोग उहाँ जुटल रहुवे. संतोष पटेल, अभिषेक भोजपुरिया, रंगश्री के महेन्द्र प्रसाद सिंह, मनोज भावुक, मनोज श्रीवास्तव, कुलदीप श्रीवास्तव, राजीव उपाध्याय जइसन भोजपुरी सेवियन के उपस्थिति रहुवे. श्री अजीत दुबे, लालबाबू यादव जी, आ वीरेन्द्र यादव जी का साथे साथ डा० जयकान्त सिह, सुरेश कांटक, आ जनार्दन सिंह जइसन अउर कतने नवहा करमठ रहुवे लोग बाकि तबो एह जुटान के देख के हमरा झुझुवावन बरत रहुवे. हमनी का निष्ठो में कवनो कमी ना लउकुवे. बस अतने अखरत रहुवे कि दिल्ली में लाखन का संख्या में रहत भोजपुरियन का बावजूद अतना कम लोग काहें!
लवटत खा मन के ऊहे सवाल उदबेगे लगुवे, जवन बीसन बरिस पहिले से हमके बैखरी में डलले बा. ऊ ई कि भोजपुरी भाषी त करोड़ो मे बाड़न, बाकि भोजपुरी मे पढ़े-लिखे वाला केतना बाड़न? ओमें अपना भाषिक निजता के दिसाईं कतना लोग सजग बाड़न ? लिखवइया हजारन गो बाड़न त पढ़वइया केतना बाड़न ? अगर ऊ बहुत ढेर बाड़न त भोजपुरी पत्र-पत्रिका आ किताबन के अतना कुआदर आ उपेक्षा काहें बा ? भोजपुरी प्रकाशन में व्यक्तिगत लागल लोग अपना के असहाय आ असहज काहें महसूस करत बा ?
दुसरका सवाल अजुवे का सदर्भ मे़ं कि अंगरेजी आ हिन्दी का वर्चस्व में जँताइल भोजपुरी लिखे पढ़े बोले वाला लोगन के भाषाई आत्मसम्मान काहे़ नइखे जागत ? काहें अपना भाषाई अथिकार का धरना प्रदर्शन में हजारों लोगन का जगहा मुट्ठी भर लोग जुटत बा ? भारतीय भाषा का रूप में भोजपुरी के मान्यता पूर भइला मे़ अउरियो कई गो नकारात्मक विचार/सवाल अड़ंगा डाल सकेले सs, बाकि देश के आजादी आ भारतीय गणतंत्र का निर्माण मे अगुवाई करे वाला जुझारू भोजपुरिया कइसे अपना मातृभाषा के अनादर आ उपेक्षा सहन कर रहल बाड़न स, ई बड़हन चिन्तनीय सवाल बा.
एह ममिला में कबले हमनिये का बीच के आपने लोग हमनी के टँगरी घींचत रही ? तनी रउरो सब सोचब.
नमस्कार द्विवेदी जी। धरना प्रदर्शन में
रउरा से भेंट भइले रहे ..
संपादक महोदय, का रउआ इ न्यूज़ चेक करके छापले बानी? इ न्यूज़ पढ़ के हमरा त इहे लागल की इ धरना प्रदर्शन
‘भोजपुरी जनजागरन अभियान, पूर्वांचल एकता मंच दिल्ली, बीर कुँवर सिंह फाउन्डेशन दिल्ली’ आदि मिलके सामूहिक आयोजन भइल. जवन पूरी तरह गलत न्यूज़ बा… इ धरना प्रदर्शन ‘भोजपुरी जनजागरन अभियान’ ही केवल आयोजन कइले रहे, पूर्वांचल एकता मंच दिल्ली, बीर कुँवर सिंह फाउन्डेशन दिल्ली, भोजपुरी समाज दिल्ली के प्रतिनिधिगण जरूर आइल रहे लोग, हमरो लगे श्री संतोष पटेल जी के फ़ोन आइल रहे, त हम्मु गइल रहनी ………. निहोरा बा की जाँच क के इ न्यूज़ अपडेट कर दी… धन्यवाद, कुलदीप श्रीवास्तव
प्रिय कुलदीप जी,
ई खबर ना ह, द्विवेदी जी के ब्लाग पेज ह. खबर राजेश भोजपुुरिया के भेजल रहुवे जवना के भोजपुरी अनुवाद दोसरा जगह प्रकाशित बा.
डा. अशोक द्विवेदी जी मंच पर बइठल रही, संबोधनो कइनी शायद. उहाँ के लागल होखी कि ई सगरी संस्था मिल जुल के आयोजन कइले होखी.
चलीं रउरा बता दिहनी, त बढ़िया कइनी कि एह आयोजन में लोग आइल त रहुवे बाकिर ओह लोग के कवनो सहयोग ना रहुवे.
सप्रेम,
राउर,
ओम प्रकाश
ohh logan ke khali phone bulawal gail raho, e dharna khatir jawan meeting bhail rahe ome bhi kehu ke na bulawal gail rahuye, aur photo dekhi, ome sanstha ke ka name dihal ba,