भउजी हो!

का बबुआ?

आजु एगो नेता के बयान के एगो टुकड़ा पर देश भर के कुकुर एकजुट हो के कुकुरबझाँव करे में लाग गइल बाड़ें.

काहे बबुआ ? कुकुरन के वोट देबे के अधिकार मिल गइल बा का?

ना भउजी. बात कुकुरन के बोट के नइखे, कुकुर के बच्चा के कचराए के बा.

ओह ओह, कइसे कचरा गइल? कहवाँ ?

अरे भउजी देखऽ तोहरा खाली ई बाति सुन के अतना दुख हो गइल. बाकिर कुकुर ह कवन चीझु? कुकुरन खातिर अतना मोह काहे?

ए बबुआ अइसन काहे कहत बानी? कुकुरो जीव हऽ, उहो भगवान के जनमावल ह. ओकरो दुख तकलीफ होला.

बाकिर भउजी, देश भर के कुकुर खिसियाइल बाड़ें कि एगो आदमी कुकुरन के चरचा आदमी के मामिला में काहे कइलसि. आदमी के तुलना कुकुरन से काहे कइलसि?

ई त बड़ा गजब बाति बा. अब आदमी कुकुर के कचरइला पर दुखो मत जतावे.

हरान त हमहू बानी भउजी. बाकिर लागत बा कि ओह नेता के कुकुरन से माफी माँगही के पड़ी.

ए बबुआ भाजपाई त बरीसन से मनमोहन सिंह से इस्तीफा माँगत बाड़े, भेंटा गइल का? त फेर ऊ नेता माफी काहे माँगी? ऊ कइलसि का जे ओकरा माफी माँगे पड़े?

लोग कहत बा ओकरा राज में दंगा भइल त ओकरा माफी मांगे के चाहीं.

ए बबुआ तनी हमरो के बताईं कि कवना राज में आ केकरा राज में कबो ना कबो दंगा नइखे भइल? का सभे माफी माँग लिहलसि? का हर जगहा  ओतने आनन फानन में दंगा पर काबू पावे के कोशिश भइल?

ई त हमरा सेकूलर मीडियावालन से पूछ के बतावे के पड़ी.

ठीक बा. तले ले इंतजार कर लेब. राउर इंतजार करे के त अब आदत पड़ गइल बा.

अरे भउजी, आखिरी बॉल पर छक्का मारिये दिहलू. चलऽ एही बात पर एक कप चाय पिया द.

चलीं.

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By Editor

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