धमकावे आ धमकियावे के आपन फायदा

by | Aug 12, 2012 | 0 comments

– जयंती पांडेय

बाबा लस्टमानंद एकदम मूड में रहले. आज काल बड़हन नेता लोगन के धमकावे आ ऊहो अपना से छोटकन के धमकावे के मामला पर चर्चा में कहले, जान जा रामचेला कि धमकावे के आपन फायदा होला आ धमकियावे के अलग. जे धमकावे ला ऊ तऽ जान जा कि रातेरात मीडिया में बढ़ि के मसहूर हों जाला आ जेकरा धमकियावल जाला ऊ तऽ भर रात सहानुभूति के छंइटी मूड़ी पर ध के घूमत रहेला. जे धमकावे ला ऊ हीरो हो जाला आ जेकरा के धमकावल जाला ऊ….

रामचेला कहले, जीरो!

बाबा कहले , भाग बुड़बक, आजु मीडिया के जमाना में केहु जीरो ना होला. जेकरा धमकावल जाला ओकर सब दोस माफ. लोग लागेला पुचकारे, सहानुभूति देखलावे. लागे ला लोग कहे कि ‘अरे ऊ कमवा तऽ ठीके करत रहे बाकिर बड़का लोगवा करे देउ तब नु?’ अइसन हालत में ऊ आदमी कम आ बेचारा बेसी लागेला. बस रोआइन मुंह बनवले चुपचाप चारु ओर तिकवत रहेला. शालीनता के मुखौटा लगवले रहेला. अइसन मुखौटा पहिलको जमाना में रहे आ आजुओ बा आ काल्हुओ रही. हर पार्टी के हर बड़हन नेता के अइसन मुखौटा के दरकार होला. काहे कि ऊ अचके बहड़हन त बन ना गइल. जइसे सासो कबहुओं पतोह होली सन, दहीओ कबहुं दूध होला ओसही बड़को नेता छोटका नेता रहेला आ हमेसा बड़कन के आगे छोट बनत रहे के परेला. लेकिन जान जा कि ई मुखौटन के परसानी तब बढ़ जाला जब ऊ अपना के असली चेहरा बूझे लागे. जबले नाप के मुस्काई आ तौल के बोली तबले त ठीक बा जसहीं ऊ अपना के प्राणधारी बूझे लागी ओसहीं संकट चालू हो जाई आ ओकरा के उपेक्षा के गरम कुंड में बिग दियाई.

मुखौटन के परसानी ई बा कि ऊ हमेसा एके नाहिन रहेले सन. ना दुख में दुखी ना सुख में सुखी. आ एने लोकतंत्र के मजबूरी होला कि हमेसा नाटक करे के परे ला आ जब हंसे के चाहे खुशी देखावे के बेरा आवे ला त ऊ लागे ला मुंह बिसूरे. बिना आला कमान के परमिसन के ऊ त कुछ ना कर सके. अइसन मोका पर उहे सफल होला जे आपन चदर देखि के गोड़ पसारी आ जगहि देखि के पांख निकाली. मुखौटा सदा हरान रहेले सन आ रोआइन मुंह बना के कुर्सीमान रहे ले सन. आपन कवनो पहचान ना बने.


जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.

Loading

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up