– जयंती पांडेय
परहेज के माने होला कि नुकसान करे वाला अउर जउन चीज बादी होखे तउना के सेवन ना कइल अउर सबूर राखल, दोष, पाप कइला अउर खराब आदत से बचल. एही के लोग परहेज कहेला आ जे नियम धरम से रहेला, परहेज करे वाला होला, ओकरा के लोग रहनी कहेला.
उपर बतावल कुल बात के एक बेर फेर पढ़ जाईं कि परहेज के इहे माने होला आ कि कुछु आउर. परहेज हरमेशा नुकसान करे वाला चीजन के करे के चाहीं. एही खातिर केतना रकम के रहनी लोग भेंटाला. अधिकारी लोग कामे से परहेज करेला. वैज्ञानिक लोग आ योगी लोग बाल कटवला से परहेज करेला. कवि-लेखक लोग घर के काम कइला से परहेज करेला लोग, ओही तरे वकील लोग सच बोलला से. पाकिस्तान भरसक भारत से परहेज करेला अउर पाकिस्तान से भारत. ईमानदार लोग घूस लेहला से परहेज करेला. रहनी लोग बीड़ी सिगरेट से परहेज करेला अउर नशेड़ी लोग ‘मद्यपान-निषेध’ के बोर्ड से, प्रकाशक अउर संपादक लोग नवका लेखकन के छपला से. सरनीमा के हीरो आ हीरोइन लोग इनकम टैक्स देहला से परहेज करेला. मास्टर जी लोग क्लास में पढ़वला से परहेज करेला, बाकि ट्यूशन पढ़वला से परहेज ना करे लोग. जउन हो पढ़कुआ लोग पढ़ला से परहेज करेला. नेता लोग विधान परिषद अउर राज्यसभा खातिर होखे वाला वोट से भरसक परहेज करेला. सब सास अपना पतोह से वइसहीं परहेज करेली, जइसे सौतेली माई अपना सौतेला बेटा-बेटी से. बूढ़ लोग छोकरन से परहेज करेला अउर माडर्न जमाना के बेटा-बेटी अपना माई-बाप से परहेज करेला. अपना महीना भर के तनख्वाह से घर चलाये वाला स्वाभिमानी लोग कर्जा लेहला से परहेज करेला. बाकि दहेज लेहला से कउनो बेटा बेचवा परहेज नाहीं करेला. बिलाई जइसे कुकुरे से परहेज करेले वइसहीं कुकुर भरसक बिलारे से. चीनी के बेमारी वाला लोग मिठाई से परहेज करेला बाकी कउनो डॉक्टर अइसन मरीजन से परहेज ना करे. देश के भलाई से परहेज करे वाला लोग अपना लाभ से वइसहीं परहेज ना करे, जइसे कि गठबंधन सरकार चलाये वाली पार्टी सब अपना में परहेज ना राखेलीं सन. बैपारी लोग ईमानदारी से परहेज करेला लोग बाकि ‘वन टू का फोर’ बनइला से परहेज नाहीं करे लोग. पुलिस पाकिटमारन से अउर रेलवे के टीटी लोग बिना टिकस चले वाला लोग से परहेज कइए नहीं सकेला. नुकसान देवे वालन चीज से परहेज कइल होशियारी ह अउर परहेज कइल नीमन बात बा, बाकी रउआ केकरा से परहेज करेनीं ?
जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.