कालाधन बैंक में लुकाइल बा त कवन आश्चर्य

by | Dec 6, 2014 | 0 comments

jayanti-pandey

– जयंती पांडेय

किताबन में, मय अखबारन में पढ़ले बानी कि संसद के एक दिन के कार्रवाई में कई लाख रुपया खर्चा होला. लेकिन बाबा तूं बतावऽ कि कालाधन आउर कई गो मामूली बात खातिर सांसद लोग संसद के कार्यवाही ना चले देला, आ कामकाज ठप क देला. अतना कहि के रामचेला आगे कहले कि अब काला धन के विदेश से अपना देश में ले आवे के बात पर संसद में मार चिल्लाहट लाग गइल बा. काहे आखिर?

बाबा लस्टमनंद कहले कि रामचेला ई सब बुड़बकाही ह. अब देखऽ ओह दिन तूहूं झाड़ू ले के नेताजी के संगे मार दनादन सफाई में लागल रहलऽ. अब जेने देखऽ ओने लोग सफाई क रहल बा. मंत्री से ले के संतरी ले, मरद मेहरारू सभे सफाई में लागल बा. अब एह में कवनो काला धन के बात कइल कतना गंदा काम हऽ?

जहां रगर-रगर के सफाई कइल जा ता उहां काला धन के ले आ के गंदगी फइलावल कवन अच्छा काम ह? आ सरकार त देश में विदेशन से एफ डी आई के न्यौता दे ले बिया आ सांसद महोदय लोग बा कि काला धन ले आवऽ, ले आवऽ. मोदी भाई त कांग्रेस मुक्त देश के बात क रहल बाड़े आ एहमे काला धन से मुक्ति आ फेर विदेश से ले आ के काला धन से सउन मउन कइल कवन चलाकी ह भाई.

सरकार त मेक इन इंडिया के बात कहतिया आ काला धन त सबसे बड़हन मेक इन इंडिया ह. एकरा के ले के काहे अतना बवाल? एगो बाबा रामदेव बाड़े कि जब देखऽ पेट फुलावे पचकावे में, सांस छोड़े आ सांस लेवे में, लागल रहेले आ ओकरा से जे समय बांचल ओह में काला धन, कालाधन के पाठ करेलें. कहेलें लोग इहां काला धन बनावऽता आ विदेशी बैंक में जमा क देला.

अब उनका के के बतावे कि दिवाली में उनका हर आश्रम सजावे खातिर जवन सजावटी भक भुक बत्ती लागल रहे ऊ चीन के बनल रहे. अब चीन के उत्पादन अपना देश में बिका सकेला त अपना देश के उत्पादन विदेशी बैंक में काहे ना राखल जा सके. अब ओकरा ले के हाल्ला एही से बा न कि मोदी जी कहले रहले आ बाबा रामदेव इहे कहले रहले. अब मोदी जी के ई सब बात इयाद करे के सवांस कहां बा आ बाबा त अपने ना जाने कवना खतरा के भय से जेड सुरक्षा में लुका गइले. अइसन में कालाधन जे विदेशी र्बैंक में लुका गइल बा त कवन आश्चर्य!


जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.

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