– ओ. पी. सिंह

सेकूलर मीडिया में भक्तन के नाम से जानल जाए वालन के मुसीबत के दिन आ गइल बा. संकेत त हमेशा से रहुवे बाकिर ऊ दिन अतना जल्दी आ जाई ई ना लागत रहुवे. अब सवाल बा कि ई लोग अब केकर बाजा बजावे ? ममता दीदिया के ?
कांग्रेस मुक्त भारत के सपना देखे वालन के जाने के चाही कि पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के उखाड़ फेंके वाला काम ममते दीदिया कइली. आ हिन्दुत्व के सबले बड़का दुश्मन बँवारा गिरोहन के बंगाल से खदेड़े के नेक कामो ममते दीदिया के ह. अबहीं ले कुछ गलतफहमी रहला का चलते भक्त ममता के पता ना कइसन कइसन नाम से बोलावत आइल रहलें हँ. मानत बानी कि ममता जी माँ माटी मुसलमान के राजनीति करे ला जानल मानल जाली. बाकिर कब उनकर विचार बदल जाव आ बंगाल के सम्मान का नाम पर ऊ बंकिम बाबू के वंदेमातरम गावत राष्ट्रवाद का राह प चल देसु के जानत बा ?
आखिर नीतिशो बाबू त अपना के इशरत जहाँ के बाप मानत रहले हँ, देश के संघमुक्त करावे के नारा लगावत रहले हँ. एके रात में अइसन पलटी मरलें कि चारा चोर जइसन घाघो के अकिल हेरा गइल. आ एही भक में नीतीश के हत्यारा कहे लगलन. कहलन कि नीतीश प हत्या करे के केस चलत बा आ एह मामिला में उनुका फाँसी ना त उमिर कैद के सजाय हो सकेला. चारा चोरी के सजा त अबहीं पता ना कतना बरीस ले लटकावल जा सकेला. लोअर कोर्ट जेल दिहलसि त हाई कोर्ट से जमानत ले लिहलन. ओहिजो से सजाय मिल जाई त सुप्रीम कोर्ट बड़ले बा. सुनले बाड़न का ओहिजा त एगो फोन प जमानत मिल जाला. आ चारा चोरी के मामिला कश्मीरी पंडितन के संहार वाला केस त ह ना कि ओकर गोहार चट से खारिज क दीहल जाई, भठियरपन के केस त बरीसन ले खींचल जा सकेला. यूपीए 2 का जमाना का कवनो घोटालाबाज के अबहीं ले कवनो सजा मिलल बा का ? जेल आइल गइल ज लागल रहेला.
हँ त नीतीश के पलटी मरला आ एनडीए में साढ़े तीन बरीस बाद घर वापसी क के फेरु सरकार बना लीहला का बाद से सचहूँ भक्त परेशान हो उठल बाड़ें. आखिर ऊ कइसे जान सकेलें कि कब कवन नेता भाजपा में शामिल ना हो जाई. भाजपा त मोक्षदायिनी गंगा हो गइल बिया. हजार पाप क के एह गंगा में डुबकी मार सगरी पाप धोआवल जा सकेला. एहिसे हमहूं भक्तन के इशारा दिहनी कि हर भाजपा विरोधी के कुछ ना कुछ गुण खोज के राखऽ लोग. पता ना कब ओकर जरुरत पड़ जाव. विपक्ष में बाचल गिनल चुनल इमानदार नेतवन में गिनाए वाला नीतीश का घर वापसी का बाद अब पूरा अनेसा बा कि कुछ अउरु लोग संघम शरणम गच्छामी करत डेरा बदल सकेला. मुलायम आ रामगोपाल प अधिका मेहनत ना करे के पड़ी आ अखिलेश त लड़िका हऽ. बचवन से कुछ ना कुछ गलती त होइए जाला. ओकरो के सम्हारल जा सकेला.
मुलायम कबो चपरासी त रहलन ना. स्कूल के मास्टर रहलन. से मास्टरी का कमाई से आजु अपने पर परिवार ले ना, गोतियो दयाद के अरबपति खरबपति बनवा दिहले बाड़न. लालू बेचारा भईंस चराए वाला, चपरासी परिवार में रहे वाला सलीका के घोटाला ना कर पवलसि आ आजु अपना पाप से अपना बेटवनो के केरियर खराब क दिहलसि. कोर्ट कचहरी में हाजिरी लगावल बेचारा अलगे हलकान बा.
दोसरा तरफ ओह बारबाला के देख लीं. अइसन निशाना लगवलसि कि महारानी के जिनिगी जीयत बिया. बेटा बेटी दामाद के संपति के अन्दाजो लगावल मुश्किल बा. पता ना कव पुश्त के इंतजाम क घलले बाड़ी. आ एही प याद आवत बा कि भक्त लोग त बबुआ प शुरुए से मेहरबान बा. ऊ लोग त बबुअवा के भाजपा के स्टार प्रचारक वाला मान सम्मान देला. एहसे बबुअवा के स्वागल करे में कवनो दिक्कल ना आवे के चाहीं. आ दिक्कत त नीतीशो के स्वागल करत में ना आइल. हँ बिहारी बाबू के हवा पता ना काहे सटकल बा अबहीं ले पदलन ना.

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By Editor

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