चुप रहऽ, अदालत का खिलाफ मत बोलऽ – बतंगड़ 59

– ओ. पी. सिंह याद करावल अब जरुरी हो गइल बा कि अदालत का खिलाफ कुछ बोलल नुकसानदायक हो सकेला. देखले बानी कि बड़हन-बड़हन अपराधी कतना आराम से कहेलें कि…

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